यरुशलम पर ट्रंप के फैसले का असर: पाक संसद ने पास किया निंदा प्रस्ताव

यरुशलम पर ट्रंप के फैसले का असर: पाक संसद ने पास किया निंदा प्रस्ताव

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-08 02:59 GMT
यरुशलम पर ट्रंप के फैसले का असर: पाक संसद ने पास किया निंदा प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की येरुशलम को इजराइल की राजधानी घोषित करने के बाद कड़ा विरोध सामने आ रहा है। जहां एक और फिलिस्तीनियों में इस फैसले को लेकर संघर्ष की आग धधक रही है वहीं कई देशों का विरोध भी सामने आया है। अरब और यूरोपीय यूनियन के साथ ही ब्रिटेन, जर्मनी जैसे अन्य कई देशों ने ट्रंप के इस फैसले का विरोध किया है। पाकिस्तान की संसद ने निंदा प्रस्ताव पास किया है।

पास किया निंदा प्रस्ताव

पाकिस्तान ने ट्रंप के इस फैसले को मुसलमानों पर प्रत्यक्ष हमला करार दिया। नेशनल असेंबली में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पास किया। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि ट्रंप का फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के कई प्रस्तावों, अंतरराष्ट्रीय कानून और फलस्तीन मुद्दे को हल करने से जुड़ी वैश्विक सहमति का उल्लंघन है। वहीं इस फैसले को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की गई है।


आंतकी संगठनों की धमकी

ट्रंप के इस फैसले का असर आतंकियों पर भी देखने को मिलने लगा है। आतंकी संगठन अलकायदा और इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने अमेरिका को हमले की धमकी दी है। वहीं फिलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि अरब जगत और फिलस्तीनियों को ये निर्णय मंजूर नहीं है।

धधक रही संघर्ष की आग

गुरुवार को वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों का जमकर विरोध सामने आया। इस विरोध में करीब 16 फिलिस्तीनी घायल हो गए। पश्चिमी तट के शहर रामल्ला में एक विशाल प्रदर्शन की योजना बनाई जा रही है। हमास शासित गाजा पट्टी में अमेरिकी और इजरायली झंडे जलाए गए है। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ नारेबाजी भी की।

सैकड़ों की संख्या में सैनिक तैनात

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले के बाद से पैदा हुई अनिश्चितता के बीच इजरायल ने पश्चिमी तट पर सैंकड़ों की संख्या में अतिरिक्त सैनिक तैनात किए हैं। इस बीच पूर्वी यरूशलम और पश्चिमी तट समेत कई क्षेत्रों में फिलिस्तीनी दुकानें बंद रहीं। आम हड़ताल के आह्वान के बाद बृहस्पतिवार को स्कूल भी बंद रहे। 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरेजेंसी मीटिंग

यूएन सुरक्षा परिषद के दो स्थाई सदस्यों- ब्रिटेन, फ्रांस के साथ ही अस्थाई सदस्यों बोलिविया, मिस्र, इटली, सेनेगल, स्वीडन और उरुग्वे की मांग और मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए यूएन ने शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई है। इसके अलावा जर्मनी ने कहा कि वह ट्रंप के इस फैसले का समर्थन नहीं करता।


 

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