स्कॉटिश नेशनल पार्टी ने दूसरे स्वतंत्रता जनमत संग्रह पर किया विचार
स्कॉटलैंड स्कॉटिश नेशनल पार्टी ने दूसरे स्वतंत्रता जनमत संग्रह पर किया विचार
- स्कॉटिश नेशनल पार्टी ने दूसरे स्वतंत्रता जनमत संग्रह पर किया विचार
डिजिटल डेस्क, लंदन। स्कॉटलैंड की प्रथम मंत्री निकोला स्टर्जन ने कहा कि यदि कोविड -19 महामारी नियंत्रण में रहती है तो उनकी पार्टी 2023 के अंत तक ब्रिटेन से स्वतंत्रता पर एक और कानूनी जनमत संग्रह कराने पर विचार कर रही है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के सम्मेलन में दिए गए एक भाषण में स्टर्जन ने दूसरे स्कॉटिश स्वतंत्रता जनमत संग्रह का आहवान किया, जिसमें ब्रिटिश सरकार से सहयोग की भावना से सहमत होने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा कि मई में स्कॉटलैंड में लोगों ने एक नई स्कॉटिश संसद का चुनाव किया, जिसके पास स्वतंत्रता जनमत संग्रह के पक्ष में स्पष्ट और पर्याप्त बहुमत है। उन्होंने कहा, जैसे ही हम कोरोना वायरस महामारी से निकलेंगे तब ऐसे निर्णय लिए जाएंगे जो आने वाले दशकों के लिए स्कॉटलैंड को नया आकार देंगे। इसलिए हमें तय करना होगा कि उन निर्णयों को कौन लेगा, स्कॉटलैंड के लोग या सरकारें जिन्हें हम वेस्टमिंस्टर में वोट नहीं देते हैं।
उन्होंने अपने भाषण में कहा, यह वह विकल्प है जिसका हम संसद के इस कार्यकाल के भीतर एक कानूनी जनमत संग्रह में स्कॉटिश लोगों की पेशकश करने का इरादा रखते हैं। स्टर्जन ने कहा कि यह वेस्टमिंस्टर सरकार पर निर्भर नहीं है, जिसके पास स्कॉटलैंड में सिर्फ छह सांसद हैं, जो यहां रहने वाले लोगों की सहमति के बिना हमारे भविष्य का फैसला करते हैं। रविवार को स्काई न्यूज से बात करते हुए, स्टर्जन ने कहा कि वह संक्रमण का एक सटीक स्तर निर्धारित नहीं कर सकती, लेकिन आप कोविड स्थिति को नियंत्रण में जरूर देखना चाहेंगे।
एसएनपी सम्मेलन ने कोविड -19 संकट के बाद जल्द से जल्द एक और स्वतंत्रता जनमत संग्रह के समय के लिए स्कॉटिश सरकार की योजनाओं का समर्थन किया है। पार्टी ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट खत्म होने के बारे में तारीख डेटा-संचालित मानदंड द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए। बता दें कि पिछली बार 2014 में एक स्कॉटिश स्वतंत्रता जनमत संग्रह आयोजित किया गया था, जिसमें 55 प्रतिशत मतदाताओं ने ब्रिटेन में रहने का समर्थन किया था।
मई में स्कॉटिश संसदीय चुनाव में स्टर्जन की पार्टी ने लगातार चौथी जीत हासिल करने के तुरंत बाद, महामारी संकट बीत जाने पर दूसरे स्वतंत्रता जनमत संग्रह के लिए जोर देने का वादा किया। वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पहले कह चुके हैं कि वह दूसरे स्वतंत्रता जनमत संग्रह को मंजूरी नहीं देंगे।
(आईएएनएस)