रूस के पूर्व जासूस को जहर देने के मामले में आरोपियों की सफाई, खुलासे पर दुनिया की नजर

रूस के पूर्व जासूस को जहर देने के मामले में आरोपियों की सफाई, खुलासे पर दुनिया की नजर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-13 15:46 GMT
रूस के पूर्व जासूस को जहर देने के मामले में आरोपियों की सफाई, खुलासे पर दुनिया की नजर
हाईलाइट
  • ब्रिटेन द्वारा आरोपी ठहराए गए दो रूसी नागरिकों ने कहा- वे सैलिसबरी में टूरिस्ट के तौर पर गए थे
  • रूस के पूर्व जासूस सर्गेइ स्क्रिपल और उनकी बेटी को सैलिसबरी में 4 मार्च को दिया गया था जहर

डिजिटल डेस्क, मॉस्को। रूस के पूर्व जासूस सर्गेइ स्क्रिपल को सैलिसबरी में जहर देने के मामले में ब्रिटेन द्वारा आरोपी ठहराए गए रूस के दो नागरिकों ने कहा है कि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। रशियन न्यूज एजेंसी RT नेटवर्क को दिए इंटरव्यू में दोनों आरोपियों ने बताया, "जहां यह घटना हुई, वहां हम उस दिन गए जरुर थे लकिन इस ट्रिप का मकसद केवल ऐतिहासिक कैथेड्रल देखना था। हम वहां टूरिस्ट थे।" बता दें कि इस मामले में अलेक्जेंडर पेत्रोव और रुसलन बोशिरोव को ब्रिटेन ने आरोपी ठहराया है। ब्रिटिश एजेंसियों का कहना है कि ये दोनों रूस के एजेंट हैं और सर्गेई स्क्रिपल को मारने के उद्देश्य से इन्होंने मॉस्को से लंदन की यात्रा की थी।

रूस के पूर्व जासूस सर्गेइ वी. स्क्रिपल (66) और उनकी बेटी युलिया (33) 4 मार्च को दक्षिणी इंग्लैंड के सैलिसबरी में बेहोशी की हालत में पाए गए थे। जांच में पाया गया था कि उन्हें जहर दिया गया है। दोनों का लम्बे समय तक हॉस्पिटल में इलाज चला था, जिसके बाद दोनों अब स्वस्थ हैं। ब्रिटेन का आरोप है कि रूस के एजेंटों अलेक्जेंडर पेत्रोव और रुसलन बोशिरोव ने सर्गेइ और उनकी बेटी को जहर दिया। इसमें रूसी राजनयिकों का भी हाथ बताया गया था।

दोनों ही आरोपियों ने गुरुवार को अपने इंटरव्यू में बताया कि 6000 मील की उनकी इस तीन दिन की यात्रा महज सैलिसबरी शहर की खुबसुरती देखने के लिए थी। वे वहां आलिशान कैथेड्रल, स्टोनएज के समय के प्राचीन स्टोन सर्कल और ओल्ड सेरेम की प्रीहिस्टोरिक सेटलमेंट साइट देखने गए थे। उन्होंने बताया कि उनके दोस्त ने उन्हें यह ट्रिप बनाने के लिए कहा था। दोनों ने बताया कि उनका सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी को जहर देने वाली घटना से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है।

इधर, ब्रिटिश सरकार ने इन दोनों के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि ये लोग कोई टूरिस्ट नहीं थे। ये लोग रशियन मिलिट्री इंटेलिजेंस सर्विस के ऑफिसर थे, जिन्होंने सर्गेई स्क्रिपल को मारने के लिए अवैध रासायनिक हथियार का उपयोग ब्रिटेन में किया।

बता दें कि यह दोनों आरोपी घटना के दिन ही मॉस्को वापस लौट गए थे। ब्रिटेन सरकार ने इन दोनों के प्रत्यर्पण की मांग नहीं की है क्योंकि रूस अपने देश के नागरिकों का अन्य देशों को प्रत्यर्पण नहीं करता है।

बता दें कि इस मामले के बाद रूस और ब्रिटेन के बीच सम्बंध अब तक नहीं सुधरे हैं। दोनों ही देशों ने इस मामले में मतभेद आने के बाद एक-दूसरे देश के 23-23 राजनयिकों को देश से बाहर जाने का आदेश दिया था। मामले में रूस की भागीदारी सामने आने के बाद ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा में ने इस मामले में रूस को जिम्मेदार बताया था। थेरेसा मे ने इसके साथ ही रूस के साथ अपने सभी उच्चस्तरीय संपर्क भी खत्म करने का ऐलान भी किया था।

बता दें कि रूस ने अपने सेवानिवृत सैन्य खुफिया अधिकारी स्क्रिपल को साल 2006 में 13 वर्ष की सजा सुनाई थी। रूस ने स्क्रिपल पर ब्रिटेन के लिए जासूस करने के आरोप के तहत यह कार्रवाई की थी। हालांकि, बाद में उन्हें माफी मिल गई थी और ब्रिटेन ने उन्हें नागरिकता दे दी थी। वह तभी से ब्रिटेन में ही रह रहे हैं।
 

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