सोफिया अब सिर्फ रोबोट ही नहीं, बल्कि इस देश की नागरिक भी हैं
सोफिया अब सिर्फ रोबोट ही नहीं, बल्कि इस देश की नागरिक भी हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सऊदी अरब की "सोफिया" वैसे तो एक रोबोट हैं, लेकिन अब वो न सिर्फ रोबोट हैं, बल्कि सऊदी अरब की नागरिक भी हैं। क्योंकि सऊदी अरब ने "सोफिया" को अपने देश की नागरिकता देने का फैसला किया है। सोफिया दुनिया की पहली महिला रोबोट हैं, जिन्हें किसी देश की नागरिकता दी गई है। इस बात की जानकारी सऊदी अरब पब्लिक रिलेशन अफेयर्स कमेटी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर दी है। इस ट्वीट में कमेटी ने लिखा कि, "सोफिया दुनिया की पहली रोबोट है, जिसे सऊदी अरब की नागरिकता मिली है।"
एक प्रोग्राम में ले रहीं हैं हिस्सा
सोफिया रोबोट सऊदी अरब के रियाद में चल रहे फ्यूचर इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम में भी हिस्सा ले रहीं हैं। इस प्रोग्राम में सोफिया बतौर स्पीकर मौजूद हैं। इस सम्मेलन में देश में "मॉडर्नाइजेशन और टेक्नोलॉजी" के लिए इन्वेस्टमेंट बढ़ाने पर डिस्कशन किया जाएगा। इस प्रोग्राम में सोफिया ने बकायदा एक सेशन को संबोधित भी किया और लोगों के सवालों के जवाब भी दिए। इसी प्रोग्राम में शामिल होने आए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि वो देश को मॉडर्न बनाने की योजना के तहत, उदार इस्लाम वाली छवि की वापसी करना चाहते हैं।
इंसानों से बातचीत भी कर सकती है सोफिया
सोफिया नाम की ये रोबोट एक इंसान की तरह पूरा काम कर सकती है। सोफिया इंसानों की तरह ही चेहरे के हावभाव बदल सकती है और बातचीत भी कर सकती है। सोफिया इंसानों के चेहरे के हाव-भाव भी पहचान सकती है। इतना ही नहीं सोफिया टीवी चैनल को इंटरव्यू भी दे सकती हैं। सोफिया अभी तक कई टीवी चैनल को इंटरव्यू भी दे चुकी हैं। "सोफिया रोबोट" को डेविड हैनसन ने बनाया है। डेविड हैनसन रोबोटिक्स के फाउंडर भी हैं और पहले डिज्नी के लिए भी काम कर चुके हैं। सोफिया को हॉलीवुड एक्ट्रेस आड्री हैपबर्न की तरह दिखने वाला बनाया है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने की आलोचना
इस रोबोट को नागरिकता मिलने के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसकी आलोचना करना भी शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है कि, "इस रोबोट को सऊदी अरब की महिलाओं और वहां रहने वाले फॉरेनर्स से भी ज्यादा राइट्स दिए गए हैं।" इसके साथ ही लोगों का ये भी कहना है कि, "सोफिया को प्रोग्राम में भी बेहद ही नॉर्मल कपड़ों में भी पेश किया गया था, जबकि सऊदी अरब में महिलाओं को हिजाब या बुर्का में ही रहने की इजाजत है।"