अफगानिस्तान के आधे से ज्यादा जिलों पर तालिबान ने जमाया कब्जा: अमेरिकी जनरल

अफगानिस्तान के आधे से ज्यादा जिलों पर तालिबान ने जमाया कब्जा: अमेरिकी जनरल

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-22 06:58 GMT
अफगानिस्तान के आधे से ज्यादा जिलों पर तालिबान ने जमाया कब्जा: अमेरिकी जनरल
हाईलाइट
  • अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा
  • तालिबान संगठन के नियंत्रण में 212 जिले

डिजिटल डेस्क, काबुल। तालिबान ने अफगानिस्तान के आधे से ज्यादा जिलों पर कब्जा जमा लिया है। अमेरिकी जनरल मार्क मिले के मुताबिक तालिबान आतंकवादी समूह अब कुल 212 जिले यानी अफगानिस्तान के 419 जिला केंद्रों में से लगभग आधे को नियंत्रित कर रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बुधवार को पेंटागन में एक संवाददाता सम्मेलन में यूएस ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले के हवाले से कहा, एक पूर्ण तालिबान अधिग्रहण की संभावना है, या किसी भी अन्य परिदृश्य की संभावना है।

मुझे नहीं लगता कि अंतिम खेल अभी खेला गया है। एक नकारात्मक परिणाम, एक तालिबान स्वचालित अधिग्रहण, पूर्व निष्कर्ष नहीं है। मिले ने कहा कि आतंकवादियों ने अभी तक देश की 34 प्रांतीय राजधानियों में से किसी पर कब्जा नहीं किया है, लेकिन वे उनमें से आधे पर दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफगान सुरक्षा बल काबुल सहित उन प्रमुख शहरी केंद्रों की सुरक्षा के लिए अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं।

हम हिंसा के स्तर का पता लगाने जा रहे हैं, यह बढ़ता है, या यह वही रहता है, बातचीत के नतीजे की संभावना अभी भी वहां है। 1 मई को युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना की वापसी की शुरूआत के बाद से तालिबान और सुरक्षा बलों के बीच भारी लड़ाई चल रही हैं। यूएस सेंट्रल कमांड ने कहा कि पिछले हफ्ते अमेरिकी सैनिकों की 95 फीसदी से ज्यादा निकासी पूरी हो चुकी है। पेंटागन के अनुसार, पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान में 2,400 से अधिक अमेरिकी सैनिक मारे गए, 20,000 घायल हुए। एक अनुमान के अनुसार 66,000 से अधिक अफगान सैनिक मारे गए हैं, और 27 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

कंधार पर भी कब्जा जमाना चाहता है तालिबान
62 लाख की आबादी वाले कंधार शहर के पास बने ज्यादातर चेक पोस्ट और पुलिस स्टेशन को तालिबान अपने कब्जे में ले चुका है। तालिबान की नजर कंधार की जेल पर है। तालिबान यहां से राजनीतिक बंदियों को छुड़वाने की मांग करता रहा है। 600 से ज्यादा राजनीतिक बंदी यहां कैद है। जिनमें कई को कंधार जेल से काबुल में ट्रांसफर किया गया है। कंधार के दक्षिणी इलाके तालिबान और आर्मी के बीच जंग चल रही है।

कंधार से भारत-ईरान समेत कई देशों ने अपने अधिकारियों का वापस बुलाया
अफगानिस्तान में बड़ते तालिबान के खतरे को देखते हुए भारत, ईरान समेत कई देशों ने अपने अधिकारियों को बुला लिया है। कंधार में सिर्फ पाकिस्तान का कोन्सुलेट काम कर रहा है। आसपास के लोगों का कहना है कि कंधार में तालिबानियों की संख्या बहुत ज्यादा है और उनकी आस पास के कई इलाको में स्थिति मजबूत हुई है। गौरतलब है कि तालिबानी लड़ाके कंधार में पाकिस्तान से गाड़ियों में भरकर आ रहे हैं। अभी हाल ही में एक भारतीय फोटोग्राफर दानिश की मौत कंधार में तालिबान के हमले से हो गई थी।

पाकिस्तान पर तालिबान की मदद का आरोप
अफगानिस्तान सरकार पाकिस्तान पर लगातार आरोप लगा रही है कि पाकिस्तान तालिबान की मदद कर रहा है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान से अपने राजदूतों और सभी राजनयिकों को वापस बुला लिया है। सभी राजदूत और राजनयिक पाकिस्तान छोड़ अफगानिस्तान वापस जा रहे हैं। तालिबान की बढ़ती हुकुमत को देखते हुए आम लोगों गांवों से बड़े शहरों की ओर भाग रहे हैं। ज्यादातर लोग काबुल और कंधार की ओर भाग रहे हैं। यहां पर लोगों की सुरक्षा के लिए अफगान आर्मी पहले से मौजूद है। वहीं, जिन लोगों को मौका मिल रहा है वो देश छोड़कर विदेश की ओर जा रहे हैं।

 

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