पाकिस्तान में सरकारी विश्वविद्यालयों की हालत खस्ता
पाकिस्तान में सरकारी विश्वविद्यालयों की हालत खस्ता
- पाकिस्तान में सरकारी विश्वविद्यालयों की हालत खस्ता
इस्लामाबाद, 30 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली का सीधा शिकार देश की शिक्षा व्यवस्था, विशेषकर उच्च शिक्षा पर पड़ रहा है। देश में अधिकांश सरकारी विश्वविद्यालय धन की कमी से जूझ रहे हैं।
द नेशन की रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए देश में सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी की सरकार पर सवाल उठाया गया है जिसने अपने घोषणापत्र में शिक्षा को लेकर लंबे-चौड़े दावे किए थे। इस साल उच्च शिक्षा जगत ने जितनी मांग की थी, उसका आधा बजट सरकार की तरफ से मुहैया कराया गया है।
आल पाकिस्तान यूनिवर्सिटी एकेडमिक एसोसिएशन (एपीयूएए) के अध्यक्ष डॉ. सोहैल यूसुफ ने द नेशन से कहा कि देश का शिक्षा क्षेत्र सरकार द्वारा शिक्षा फंड में भारी कटौती की मार सह रहा है। खस्ता हाल विश्वविद्यालयों के लिए अधिक धन की जरूरत थी लेकिन बीते साल की तुलना में इस साल सरकार ने बजट और कम कर दिया है।
उच्च शिक्षा आयोग के समाज विज्ञान प्रोजेक्ट मैनेजर मुर्तजा नूर ने भी कहा कि कई बार के आग्रह के बाद भी सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सरकारी विश्वविद्यालयों की हालत आज जैसी बुरी कभी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि देश में 206 विश्वविद्यालय हैं। इनमें से 104 सरकारी हैं। इन्हें सहज रूप से चलाए रखने के लिए फंड की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार से शिक्षकों-स्टाफ के वेतन, शोध व प्रयोगशालाओं के लिए 103 अरब रुपये मांगे गए थे लेकिन सरकार ने केवल 59 अरब दिए। विश्वविद्यालयों के परिसरों के विकास व आधारभूत ढांच के लिए 55 अरब रुपये मांगे गए थे लेकिन सरकार ने इस मद में केवल 22 अरब रुपये दिए।