यूक्रेन और रूस युद्ध की इन दर्दनाक तस्वीरों को देखकर कांप जाएगी रूह, आंख से गिरता हर आंसू पूछेगा एक ही सवाल- इस जंग ने हमको क्या दिया?

रूस-यूक्रेन युद्ध यूक्रेन और रूस युद्ध की इन दर्दनाक तस्वीरों को देखकर कांप जाएगी रूह, आंख से गिरता हर आंसू पूछेगा एक ही सवाल- इस जंग ने हमको क्या दिया?

Anupam Tiwari
Update: 2022-05-28 13:18 GMT
यूक्रेन और रूस युद्ध की इन दर्दनाक तस्वीरों को देखकर कांप जाएगी रूह, आंख से गिरता हर आंसू पूछेगा एक ही सवाल- इस जंग ने हमको क्या दिया?
हाईलाइट
  • युद्ध की वजह से यूक्रेन के लाखों लोग दूसरे देशों में जाकर शरण लिए
  • युद्ध में घायल लोग जिंदगी मौत से लड़ते नजर आ रहे हैं

डिजिटल डेस्क, कीव। रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी हुए तीन माह से भी ज्यादा का समय हो गया है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध में न केवल सैनिकों बल्कि यूक्रेन के कई बेकसूर लोगों की मौत भी हुई है, बमबारी का शिकार होने से बहुत से अपंग भी हो गए हैं। दोनों देशों को अभी तक युद्ध से ज्यादा कुछ हासिल तो नहीं हुआ, लेकिन नुकसान काफी उठाना पड़ रहा है। युद्ध की वजह से यूक्रेन के लाखों लोग दूसरे देशों में जाकर शरण ले चुके हैं।

अभी तक कोई ये नहीं बता सकता कि युद्ध कब तक खत्म होगा। हालांकि दुनियाभर के कई देशों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शांति प्रिय तरीके से युद्ध को खत्म करने की वकालत की थी, लेकिन पुतिन के जिद के सामने एक की न चली। यूक्रेन में इन दिनों युद्ध के दौरान घायल हुए नागरिकों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। जिन्हें देखकर आपके रूह कांप जाएंगे। दुनिया के सामने ये तस्वीरें सवाल छोड़ रही हैं कि वहां की आम जनता के साथ ऐसा हाल क्यों हुआ, इन तस्वीरों का जिम्मेदार कौन है? आइए आपके साथ उन तस्वीरों को साझा करते हैं।

युद्ध का दर्दनाक मंजर

युद्ध से जिंदगी तबाह होती है, हिंसा बढ़ता है। युद्ध से सिर्फ आंसू मिलते हैं, लोग अपनो खोते हैं, शहर, गांव, इंसान तबाह होता हैं। लोग आर्थिक, मानसिक व शारीरिक तौर पर प्रताड़ित होते हैं। आम लोगों की दिनचर्या बर्बाद और खराब हो जाती है। हर लड़ा गया युद्ध एक ही सबक देता है कि फिर आऊंगा तो तबाही मचाऊंगा और नुकसान पहुंचाऊंगा। यूक्रेन-रूस युद्ध में 24 फरवरी 2022 से लेकर 10 मई 2022 तक करीब 3400 बेकसूर लोगों की मौत हो जाती है। इसी वजह से लगभग 4 हजार लोग गंभीर रूप से घायल भी हो जाते हैं। कहते हैं कि एक तस्वीर हजार शब्द कहती हैं, जो कि रूस और यूक्रेन युद्ध की तस्वीरों ने बयां किया है। 

युद्ध से दोनों को नुकसान ही होता है, फायद किसी का नहीं होता। भले ही सामने वाला विजय हासिल कर ले। लेकिन नुकसान तो उसे भी उठाना पड़ता है। इसीलिए कहा जाता है कि युद्ध कभी किसी का सगा नहीं होता है। राजसत्ताएं लड़ती हैं और अपने हितों के लिए हिंसा के सबसे खराब तरीकों का इस्तेमाल करती हैं। इस युद्ध में पिसती है जनता और लोग। आजतक न्यूज के मुताबिक, 11 साल की याना को यूक्रेन के लीव शहर का एक डॉक्टर अस्पताल ले जा रहा है। ये एक दर्दनाक कहानी है, जिसका इतिहास आने वाली पीढ़ियां पढ़ेंगी। बीते 8 अप्रैल को याना और उसकी मां बमबारी में बुरी तरह से घायल हो गईं थीं।

यूक्रेन-रूस युद्ध में जहां अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। तो वहीं आम जीवन भी अस्त व्यस्त है। युद्ध में घायल लोग जिंदगी मौत से लड़ते नजर आ रहे हैं। भीषण हमले में तो कई लोग अपने हाथ पैर तक गंवा चुके हैं। ऐसे ही में एक तस्वीर यूक्रेन की 45 साल की महिला ओलेना विटर का वायरल हो रही है। एक तरफ जहां वो दर्द से कराह रही हैं, तो दूसरी तरफ 14 साल के बेटा इवान को हमेशा के लिए खोने भी दर्द है। खबरों के मुताबिक इवान संगीत प्रेमी था और एक ऑर्केस्ट्रा में संगीत बजाता था। संगीत के इस स्टार को युद्ध ने निगल लिया है। उधर उसकी मां ओलेना विटर भी अपना बायां पैर गंवा चुकी है। बीते 10 मई को हुए एक हमले में इस परिवार को तबाह कर दिया है। 


रूस और यूक्रेन के युद्ध में कई विचलित करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। 11 साल की याना बीते 12 मई को अपनी मां नताशा के साथ सीमा पार करने के लिए एक ट्रेन पकड़ने जा रही थी। इसी दौरान वहां भीषण बमबारी शुरू हो गई। इस बमबारी के चपेट में आकर दोनों बुरी तरह घायल हो गईं। युद्ध से लोगों को क्या मिलता है इसका अंदाजा आप इसी तस्वीर से लगा सकते हैं। अफसोस इस बात का है कि दुनिया भी कुछ नहीं कर पा रही हैं। युद्ध जारी है निर्दोष नागरिकों की जान जा रही है। 

भीषण बमबारी में गंभीर रूप से घायल याना के पास एक जुड़वा भाई है, जिसका नाम यारिक है। यारिक ही याना और मां का देखभाल करता है। याना का बचपन बहुत कुछ सीखने को था लेकिन अब उसको अपने दोनों के बिना जीने का कौशल सीखना है। जिस उम्र में यारिक और याना खेलते और हंसते हुए पढ़ते। उस उम्र में याना की हादसे की चपेट में आ गई। अब यारिक के सर पर बचपन से ही बोझ हो गया है। मां के साथ बहन की जिम्मेदारी भी उसके कंधे पर लद गई है। 

ओक्साना महज 23 साल की हैं। युद्ध के करीब एक माह बाद उसके घर के आसपास बड़ा धमाका हुआ। इस धमाके की चपेट में आने से ओक्साना को दोनों पैर चले गए। तस्वीर में साफतौर पर देखा जा सकता है कि युद्ध ने एक हंसती हुई जिंदगी तो तबाह कर दिया और दिव्यांग बना दिया। आक्साना के चेहरे पर अब केवल आंसू के सिवा कुछ भी नहीं बचा है। 


भीषण बमबारी का शिकार हुईं ओक्साना बताती हैं कि हमने एक जोर धमाका सुना और उसके बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरे तो पैर नहीं हैं। अपने दर्द को बयां करते हुए ओक्साना के आंखों में आंसू छलक पड़े। ओक्साना के पति नाम विक्टर है। जो  ओक्साना के अस्पताल में पकड़कर गले मिल रहे हैं। इससे ओक्साना को थोड़ी तसल्ली तो जरूर मिलेगी लेकिर पैर खोने का दर्द हमेशा रहेगा। युद्ध का इतिहास आने वाली पीढ़ियों के लिए बन गया। 

इसी भीषण युद्ध में 38 साल के साशा हरोख्विस्की नाम के युवक बमबारी का शिकार हो गया। बीते 22 मार्च को एक हमले में साशा को अपनी एक टांग इसलिए गंवानी पड़ी क्योंकि उन्हें सैनिकों ने गलती से जासूस समझ लिया। अब साशा एक पैर गंवा चुके हैं। साशा को जहां पैर में घाव का दर्द हैं, वहीं पैर चले जाने का भी दर्द है। डॉक्टर साशा को मिरर थेरैपी दे रहे हैं, ताकि एक पैर की तस्वीर देखकर वो दूसरे पैर की अनुभूति कर सके। हालांकि, ये तरीका वास्तविक नहीं, बस साशा को हिम्मत देने का एक प्रयास है। 

यूक्रेन की रहने वाली 21 साल की नास्तिया कुजिक हैं। 17 मार्च को नास्तिया अपने भाई के घर चेरनीव गई हुई थीं। उसी दौरान बमबारी में नास्तिया ने अपने एक पैर को गंवा दी थीं। हालांकि उनके पैर को लोहे रॉड का इस्तेमाल कर बचाने की कोशिश की जा रही है। नास्तिया कुजिक का बचा हुआ पैर उसकी जिंदगी की अधूरी कहानी है।

बमबारी का शिकार हुआ 22 साल का स्वास्थ्यकर्मी भी अपने दोनों पैर को खो चुका है। वो पूर्वी यूक्रेन की सीमा पर राहत सेवाओ का हिस्सा थे। बीते 27 मार्च को एक माइन धमाके में आन्तोन के दोनों पैर चले गए, बायां हाथ भी गायब हो गया। दर्दनाक मंजर देखकर हर किसी का रूह कांप जाएगा। आन्तोन इस वक्त दवाओं और सेवाओं के भरोसे पर हैं। 


 

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