खुलासा: हांगकांग से भागकर अमेरिका पहुंची वायरोलॉजिस्ट, बोलीं- चीन को कोरोना की पहले से जानकारी थी

खुलासा: हांगकांग से भागकर अमेरिका पहुंची वायरोलॉजिस्ट, बोलीं- चीन को कोरोना की पहले से जानकारी थी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-11 11:22 GMT
हाईलाइट
  • हांगकांग से जान बचाकर अमेरिका पहुंची एक वायरोलॉजिस्ट ने चौंकाने वाला खुलासा
  • चीन को कोरोना की पहले से जानकारी थी लेकिन उसने दुनिया से छिपाया
  • चीन से फैले कोरोनावायरस से दुनियाभर में एक करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। चीन से फैले कोरोनावायरस से दुनियाभर में एक करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस बीच हांगकांग से जान बचाकर अमेरिका पहुंची एक वायरोलॉजिस्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। वायरोलॉजिस्ट का दावा है कि चीन को इस घातक वायरस के बारे में पहले से जानकारी थी लेकिन उसने इसे दुनिया से छिपाए रखा। शुक्रवार को फॉक्स न्यूज को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में हांग-कांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी" की विशेषज्ञ लि-मेंग यान ने ये दावा किया है।

क्या कहा लि-मेंग यान ने?
लि-मेंग यान ने कहा, कोरोनावायरस के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने से बहुत पहले बीजिंग को मालूम था। उन्होंने कहा कि प्रकोप की शुरुआत से ही उन्होंने शोध शुरू कर दिया था। लेकिन उनके शोध को उनके सुपरवाइजर्स ने नजरअंदाज कर दिया, जोकि इस विषय में दुनिया के शीर्ष विशेषज्ञ हैं। उनका मानना है कि उनके शोध से लोगों को जान बचाई जा सकती थी। फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में उन्होंने खुद को  कोविड-19 पर स्टडी करने वाली दुनिया के पहले कुछ वैज्ञानिकों में से एक बताया। उन्होंने कहा, "अपने राज को दुनिया के सामने आने से रोकने के लिए चीन सरकार ने विदेशी और यहां तक की हांगकांग के विशेषज्ञों को रिसर्च में शामिल करने से इनकार कर दिया था।

शोधकर्ताओं को चीनी सरकार ने चुप कर दिया
यान ने बताया कि पूरे चीन के उनके साथियों ने इस वायरस पर चर्चा की, लेकिन जल्द ही उनके बात करने के तरीके में परिवर्तन देखने को मिला। शायद यह उनपर चीन सरकार का दबाव था। जो शोधकर्ता कल तक खुलकर वायरस पर चर्चा करते थे, अचानक उन्हें चुप कर दिया गया। वुहान के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने इस विषय पर चुप्पी साध ली और दूसरों को चेतावनी दी गई कि उनसे इस संबंध में जानकारी न मांगी जाए। आगे चलकर वुहान इस वायरस का केंद्र बनकर उभरा। इसके बाद यान ने हांगकांग को छोड़ने का फैसला लिया। उन्होंने अपना सामान बांधा और कैंपस में लगे कैमरों और सेंसर से बचते हुए 28 अप्रैल को अमेरिका के लिए कैथी पैसिफिक फ्लाइट में सवार हो गई। इस दौरान उनके पास केवल पासपोर्ट और उनका बैग था। यान ने कहा, अगर वह पकड़ी जाती तो उन्हें जेल में डाल दिया जाता या गायब कर दिया जाता।

चीनी सरकार कर रही साइबर अटैक
यान ने कहा कि चीनी सरकार उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश कर रही है और सरकार के गुंडे उन्हें चुप करने के लिए साइबर अटैक कर रहे हैं।  हांगकांग सरकार ने उनके छोटे से अपार्टमेंट को भी तोड़ दिया और उसके माता-पिता से पूछताछ की। वह कहती हैं कि अब भी उनकी जान को खतरा है। उन्हें यह भी डर है कि दोबारा कभी वह अपने घर जाकर दोस्तों और परिवार के लोगों से नहीं मिल पाएंगी। उन्होंने कहा,  हांगकांग यूनिवर्सिटी ने भी उनके पेज को हटा दिया है और ऑनलाइन पोर्टल और ई-मेल तक उनके एक्सेस को बंद कर दिया है।

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