चीन ने दी कालापानी और कश्मीर में घुसने की धमकी

चीन ने दी कालापानी और कश्मीर में घुसने की धमकी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-08 16:09 GMT
चीन ने दी कालापानी और कश्मीर में घुसने की धमकी

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। डोकलाम मुद्दे पर चीन की ओर से लगातार भारत को धमकियां मिल रही हैं। कभी चीन के राजनेता, कभी सेना तो कभी चीनी मीडिया इस मुद्दे पर भारत को युद्ध की चेतावनी दे रहे हैं। इन सब के बीच चीन ने एक और बड़ी धमकी भारत को दी है। चीन ने इस बार उत्तराखंड के कालापानी और कश्मीर में घुसने की बात कही है। चीन ने कहा है कि जिस तरह भारतीय सेना चीन के डोकलाम में घुसी है, उसी तरह अगर हम उत्तराखंड के कालापानी और कश्मीर में घुस गए, तब भारत क्या करेगा? चीन के विदेश मंत्रालय के सीमावर्ती और महासागर मामलों की उप महानिदेशक वांग वेनली ने यह बात भारतीय पत्रकारों से कही जो फिलहाल चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित बीजिंग दौरे पर हैं।

वांग वेनली ने कहा कि अगर डोकलाम में एक भी भारतीय सैनिक है तो यह हमारे क्षेत्र की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, "जब तक भारत डोकलाम क्षेत्र से अपनी सेना वापस नहीं ले लेता तब तक दोनों देशों के बीच कोई बातचीत नहीं होगी। इस समय भारत से बातचीत करना बिल्कुल असंभव है। हमारे देश के लोग सोचते हैं कि हम अपने क्षेत्र की सुरक्षा करने में असमर्थ हैं।"

वांग ली ने इस दौरान भारत के विदेश मंत्रालय के उस तर्क को भी खारिज किया जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि चीन, भारत, भूटान सीमाओं के ट्राइ जंक्शन में सड़क निर्माण से रणनीतिक ढांचा बदल जाएगा। इस पर उन्होंने कहा, "भारतीय क्षेत्र में ऐसे कई ट्राई जंक्शन हैं, क्या होगा अगर हम इसी बहाने का इस्तेमाल कर हमारी सीमा से लगे भारत और नेपाल के विवादित क्षेत्र कालापानी और भारत-पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र कश्मीर में घुस जाएं।" उन्होंने कहा कि इसलिए ट्राई-जंक्शन का बहाना बनाने से भारत को बचना चाहिए। इस बहाने से सब कुछ सही नहीं होने वाला, इससे केवल परेशानियां खड़ी हो सकती हैं।

यह पूछने पर कि क्या चीन भारत के साथ युद्ध के लिए तैयार हो रहा है, वांग ने कहा, "मैं सिर्फ यह कह सकती हूं कि चीन की सरकार और आर्मी अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए अगर भारत गलत रास्ता चुनता है और इस भ्रम में रहता है कि चीन कुछ नहीं करेगा तो वह गलत साबित होगा। हम अपने क्षेत्रों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों की हद में रहते हुए किसी भी तरह की प्रतिक्रिया करने के लिए स्वतंत्र हैं।" चीन ने इसके साथ ही सीमा पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए डोकलाम से सैनिकों की एक साथ वापसी के भारत के सुझाव को भी खारिज कर दिया है।

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