वियाग्रा की ओवरडोज से हो सकती है कलर ब्लाइंडनेस

वियाग्रा की ओवरडोज से हो सकती है कलर ब्लाइंडनेस

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-05 08:26 GMT
वियाग्रा की ओवरडोज से हो सकती है कलर ब्लाइंडनेस

डि़जिटल डेस्क । यौन क्षमता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली दवा वियाग्रा की ओवरडोज व्यक्ति की रंग पहचानने संबंधी नेत्रदृष्टि को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। अपने तरह के एक पहले अध्ययन में ये बात कही गई है। अमेरिका के माउंट सिनाई हेल्थ सिस्टम के अनुसंधानकर्ताओं ने 31 वर्षीय एक मरीज पर अध्ययन से ये निष्कर्ष निकला है। दरअसल 31 वर्षीय मरीज को दो दिनों तक लाल रंग ठीक नहीं दिख रहा था। तब वो इलाज के लिए डॉक्टर के पास पहुंचा था, उसके इलाज के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि वियाग्रा का ओवरडोज कलर ब्लाइंडनेस की समस्या पैदा कर सकता है। 

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उसने बताया कि वियाग्रा ब्रांड के नाम से बेची जाने वाली तरल दवा सिल्डेनाफिल साइट्रेट का डोज लेने के बाद ये लक्षण सामने आए। सिल्डेनाफिल साइट्रेट का सामान्य डोज दृष्टि में बाधा पैदा करता है लेकिन ये लक्षण 24 घंटे के अंदर दूर हो जाते हैं। मरीज ने डॉक्टरों को बताया कि उसने निर्धारित 50 एमजी से बहुत अधिक डोज ले लिया था और दवा लेने के शीघ्र बाद ही उसे यह परेशानी होने लगी। जांच से पता चला कि दवा के ओवरडोज से उसके रेटिना को नुकसान पहुंचा था। उसकी यह परेशानी इलाज के सालभर बाद भी दूर नहीं हो पाई। अनुसंधानकर्ताओं ने कोशिकीय स्तर पर संरचनागत नुकसान के सबूत के लिए उसके रेटिना का परीक्षण किया। उन्हें सूक्ष्म स्तरीय नुकसान का पता चला।

 

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न्यूयॉर्क आई एंडइयर इनफर्मरी ऑफ माउंट सिनाई के निदेशक रिचर्ड रोसेन ने कहा, "वाकई इस प्रकार का संरचनागत बदलाव देखना अप्रत्याशित था लेकिन इससे मरीज के लक्षणों के कारणों का पता चला। हमें पता है कि रंग पहचानने में परेशानी इस दवा का सुविदित दुष्प्रभाव है लेकिन हम अब तक रेटिना पर उसके संरचनागत प्रभाव नहीं देख पाए थे।"

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