क्यों पीरियड्स के दौरान लोगों को सेक्स करना होता है पसंद? जानिए  इसके प्रभाव

क्यों पीरियड्स के दौरान लोगों को सेक्स करना होता है पसंद? जानिए  इसके प्रभाव

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-15 05:10 GMT
क्यों पीरियड्स के दौरान लोगों को सेक्स करना होता है पसंद? जानिए  इसके प्रभाव

डिजिटल डेस्क । बदतले वक्त के कई मान्यताएं बदली हैं। एक वक्त था जब पीरियड्स में महिलाओं को घर के कोने में बैठा दिया जाता था। उन्हें पूजा घर और किचन में जाने की इजाजत नहीं हुआ करती थी, लेकिन अब लोगों की सोच बदली है महिलाएं घर से बाहर निकल कर काम कर रही हैं, किचन में भी हर रोज की तरह खाना पकाती हैं। इस दौरान लोगों में महिलाओं से छुआछूत करने की भावना बदल गई है। इन सब में अब इतना बदलाव आ गया है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं के सेक्स करने में भी गुरेज नहीं रह गया है। पति अक्सर ही पत्नी को इस दौरान भी संबंध बनाने पर जोर देते हैं। कई लोगों के लिए इस दौरान संबंध बनाने के विचार को समझ पाना जरा मुश्किल हैं। लोग अमूमन इसे करते हैं, ये जाने बिना कि ये सही है भी या नहीं। इसलिए पीरियड्स के दौरान सेक्स करना कितना सही है और कितना गलत ये जनना बेहद जरूरी है। आज हम आपकी पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने को लेकर कुछ गलतफहमियां दूर करेंगे। 

मासिक-धर्म (पीरियड्स) महिलाओं के शरीर में होने वाली एक प्रक्रिया है जो एक निश्चित अन्तराल के बाद स्वाभाविक रूप से होती है। ये प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया महिलाओं के प्रजनन तंत्र से जुड़ी हुई है, इस प्रक्रिया का सुचारू रूप से होते रहना महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य का परिचायक है। ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि पीरियड के दौरान यौन संबंध बनाना ठीक नहीं होता है, लेकिन असल में ये धारणा बिल्कुल निराधार और गलत है।

 

 

वैज्ञानिक रूप से ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं मिलता है कि पीरियड के दौरान यौन संबंध बनाने से स्त्री या पुरुष किसी को भी स्वास्थ्य-संबंधी कोई भी नुकसान होता है, लेकिन ये जरूरी है कि दोनों यौन संबंध आपसी सहमति से बनाएं।

क्यों पीरियड्स के दौरान यौन संबंध बनाते हैं लोग?

बहुत सारे लोग पीरियड्स के दौरान यौन संबंध बनाने में ही सहजता महसूस करते हैं। इसका कारण यह है कि इस दौरान स्त्री के प्रजनन अंगो में गीलापन होता है। जिस वजह से इस दौरान संबंध ज्यादा सहज और आनंददायक होता है।

बार-बार यौन संबंध बनाने से स्त्री के गर्भाशय में सिकुड़न आती है। सिकुड़न के बाद गर्भाशय से ब्लड और यूटेरिन लाइनिंग का तेजी से निष्कासन होता है। इसलिए पीरियड के दौरान यौन संबंध बनाने से पीरियड की अवधि भी कम होती है और शरीर में दर्द और ऐंठन पैदा करने वाले कई तत्त्व भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

 

 

पीरियड के दौरान कई बार महिला के शरीर में दर्द होता है और ऐंठन की परेशानी भी होती है। ऐसे में यौन संबंध बनाने से महिला को इस दर्द और ऐंठन से राहत मिलती है। इसका कारण है शरीर में ऑक्सिटोसिन, डोपामाइन हॉर्मोन्स और ऐंडोरफिंस का स्तर बढ़ जाना। इनका असर दर्द-निवारक गोलियों से भी कहीं ज्यादा होता है।

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कई महिलाओं का स्वभाव पीरियड के दौरान बेहद चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसे में सेक्स से उनका चिड़चिड़ापन कम हो सकता है। पीरियड के दौरान यौन संबंध बनाने से ऐंडोरफिंस और ऑक्सिटोसिन शरीर से निष्कासित होते हैं। इसके परिणामस्वरूप दिमाग में प्लेजर सेंटर्स सक्रिय हो जाते हैं और चरम आनंद की अनुभूति होती है। इसके अलावा तनाव से भी छुटकारा मिलता है। 

क्या रखें सावधानी?

पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध से गर्भधारण की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन फिर भी गर्भधारण की संभावना को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कॉन्डम का इस्तेमाल जरूरी है। पीरियड के दौरान यौन संबंध बनाने पर ये जरूरी है कि यौन अंगों की स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण की संभावना समाप्त हो जाए। यौन संबंध बनाने से पहले और इसके बाद यौन अंगों को पानी से धोना जरूरी है। पानी में माइल्ड डिसइन्फेक्टेंट दवा, जैसे डिटॉल और सेवलॉन मिलाकर उपयोग किया जाए तो बेहतर है। 

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