सियासी भूचाल : कांग्रेस को लालू से प्रीत या अपने विधायकों से ?

सियासी भूचाल : कांग्रेस को लालू से प्रीत या अपने विधायकों से ?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-08 05:20 GMT
सियासी भूचाल : कांग्रेस को लालू से प्रीत या अपने विधायकों से ?


डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में महागठबंधन का टूटना बिहार से कांग्रेस की जड़ों को हिला गया है। बिहार कांग्रेस को बचाने के लिए आलाकमान खूब प्रयास कर रहा है, लेकिन विधायकों के मतभेद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। गौरतलब है कि पार्टी के 27 विधायकों में से बागी 19 विधायकों ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ गठबंधन तोड़ने की मांग की है। इन विधायकों का कहना है कि लालू प्रसाद यादव कभी भी कांग्रेस के विश्वस्त नहीं रहे। लालू ने मुस्लिम और यादव वोटरों को अपने पाले में रखने के लिए अक्सर उच्च तबके की जातियों को नजरअंदाज किया। इस वजह से पिछले 20 सालों में कांग्रेस अच्छा नहीं कर पाई।

आपको बता दें कि बिहार कांग्रेस में विभाजन के लिए 19 विधायकों का संख्या बहुत है और पार्टी से अलग होने पर इन विधायकों की सदस्यता भी नहीं जाएगी। कानूनन विधायकों को अलग गुट बनाने के लिए 18 विधायकों की संख्या चाहिए।

अशोक चौधरी भी दिखा रहे हैं बगावती तेवर


इस सियासी आंधी के बीच बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति के कुछ वरिष्ठ नेता उन्हें पद से हटाने की साजिश कर रहे हैं। इसी कारण अशोक चौधरी पहले से ही निर्धारित राहुल गांधी के साथ होने वाली मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे। मीडिया से बात करते समय जब चौधरी से पूछा गया कि क्यों वो राहुल गांधी के साथ हुई मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे। तो चौधरी ने कहा, "नीतीश कुमार के महाठबंधन तोड़ने के बाद मैं दो बार अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिल चुका हूं। मैं कुछ व्यक्तिगत कार्यक्रम में व्यस्त था, इसलिए मैं उस मीटिंग में शिरकत नहीं कर पाया।"


माना जाता है कि कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद और अशोक चौधरी के आपस में अच्छे समबंध है। साथ ही दोनों नेताओं के नीतीश कुमार के साथ अच्छे संबंध हैं। यही वजह है कि प्रदेश के दो बड़े नेताओं की जुगलबंदी से कांग्रेस आलाकमान परेशान है। हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा का कहना है कि जेडीयू की कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश कामयाब नहीं होगी।

 

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