सिख विरोधी दंगे : बंद पड़े 199 मामलों की जांच के लिए SC ने बनाई कमेटी
सिख विरोधी दंगे : बंद पड़े 199 मामलों की जांच के लिए SC ने बनाई कमेटी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में दो पूर्व जजों की एक सुपरवाइजरी कमेटी गठित की है, जो यह देखगी कि विशेष जांच दल (SIT) ने जिन 199 मामलों की फाइल बंद करने की सिफारिश की है, वह सही है या नहीं।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस जेएस पांचाल और जस्टिस केएम राधाकृष्णन की कमेटी पांच सितंबर से अपना काम शुरू करेगी और तीन महीने में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देगी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सुपरवाइजरी कमेटी सिख विरोधी दंगों के 199 मामलों को बंद करने के SIT के फैसले का परीक्षण करेगी। जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने चीफ जस्टिस का पदभार ग्रहण करने से पहले ही 16 अगस्त को अपने आदेश में यह बात कही थी। हालांकि तब बेंच ने दोनों पूर्व जजों के नाम नहीं बताए थे।
बेंच ने अपने इसी आदेश के बारे में आगे यह भी स्पष्ट किया कि एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का यह कहना भी बेहद वाजिब है कि सुपरवाइजरी कमेटी सिख विरोधी दंगों के 42 अन्य मामलों को भी बंद करने के SIT के फैसले की भी जांच कर सकती है। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को सुपरवाइजरी कमेटी की जांच में हरसंभव मदद उपलब्ध कराने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को करेगी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सभी 199 मामलों से जुड़े रिकॉर्ड सुपरवाइजरी कमेटी को सीलबंद लिफाफे में सौंप दिए जाएं। एसआईटी का गठन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के देशव्यापी सिख विरोधी दंगों की जांच करने के लिए किया था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च को एसआईटी की 199 मामलों को बंद करने की सिफारिश पर केंद्र से जवाब मांगा था।