26 नवंबर को स्वीकारा गया था हमारा संविधान, पीएम और राष्ट्रपति ने किया ट्विट

26 नवंबर को स्वीकारा गया था हमारा संविधान, पीएम और राष्ट्रपति ने किया ट्विट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-26 09:35 GMT
26 नवंबर को स्वीकारा गया था हमारा संविधान, पीएम और राष्ट्रपति ने किया ट्विट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज के दिन (26 नवंबर ) दो वजहों से याद किया जा रहा है। पहला तो मुंबई एटैक और दूसरा देश का संविधान भी आज ही के दिन लिखा गया था। हमारा संबिधान 1949 को आज ही के दिन संविधान स्वीकार किया गया था इसलिए 26/11 को "संविधान दिवस" के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरूआत बहुत पहले से नहीं बल्कि 2015 से की गई है। दरअसल उस समय भारतीय संविधान बनाने वाले बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर की 125वीं सालगिरह थी और उन्हें सम्मान देने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाए जाने का फैसला किया गया था। इस दिन को आतंकी हमले के इतर याद करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर संविधान सभा के सदस्यों को याद किया और डा. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। 

संविधान दिवस के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर संविधान निर्माताओं को याद करते हुए एक वीडियो ट्वीट किया। वहीं राष्ट्रपति ने भी ट्वीट कर संविधान सभा के सदस्यों को याद किया और डॉ. भीमराव अंबेड़कर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

 

 

 

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी इस अवसर पर ट्वीट करते हुए लिखा कि 26 नवंबर का ये दिन मोदी सरकार ने संविधान के महत्व का प्रचार करने और बाबा साहब अंबेडकर जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए चुना है। बाबा साहब जी के योगदान और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सर्व-समावेशी संविधान को समर्पित "संविधान दिवस" की समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं। वहीं इस बार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों से 26 नवंबर को "संविधान दिवस" मनाने का निर्देश दिया है। 

संविधान के बारे कुछ खास...

-1949 में आज ही के दिन संविधान स्वीकार किया गया था। ये 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ।

- 2015 से मोदी सरकार 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मना रही है। 

-भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। भारतीय संविधान में वर्तमान समय में 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भागों में विभाजित है।

- बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है. वे संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। अंबेडकर को संविधान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे।

- संविधान सभा पर अनुमानित खर्च 1 करोड़ रुपए आया था।

- मसौदा लिखने वाली समिति ने संविधान हिंदी, अंग्रेजी में हाथ से लिखकर कैलिग्राफ किया था और इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग शामिल नहीं थी।

- संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के जरिए चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।

- 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की बैठक में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया, जो अंत तक इस पद पर बने रहें।

- इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है। इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं।

- आज से ठीक 66 साल पहले भारतीय संविधान तैयार करने और स्वीकारने के बाद से इसमें पूरे 100 संशोधन किए जा चुके हैं।

- संविधान में प्रशासन या सरकार के अधिकार, उसके कर्तव्य और नागरिकों के अधिकार को विस्तार से बताया गया है।

- संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे।

- हैदराबाद एक ऐसी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं हुए थे। 

- संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई.

Similar News