ईटानगर: ITBP जवानों की बस पर गिरी चट्टान, 4 की मौत

ईटानगर: ITBP जवानों की बस पर गिरी चट्टान, 4 की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-29 18:42 GMT
हाईलाइट
  • 4 मौतों के अलावा करीब दस जवान इस हादसे में घायल भी हुए हैं।
  • अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के चार जवानों की भूस्खलन में मौत हो गई।
  • इन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

डिजिटल डेस्क, ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के चार जवानों की भूस्खलन में मौत हो गई। दरअसल, ये जवान जिस पुलिस वाहन में सवार थे, उस पर लोअर सिआंग जिले में बसर-अकाजन मार्ग से गुजरने के दौरान पहाड़ से एक बड़ी चट्टान टूटकर गिर पड़ी। 4 मौतों के अलावा करीब दस जवान इस हादसे में घायल भी हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

 

 


चार जवानों की मौके पर ही मौत
लोअर सिआंग के पुलिस अधीक्षक सिंगजतला सिंगफो ने बताया कि ये हादसा देर रात करीब ढाई बजे हुआ। ITBP के 20 कर्मियों को लेकर मिनी बस पश्चिमी सिआंग जिले के बसर से निचले सिआंग जा रही थी। तभी पहाड़ से लुढ़कता विशाल पत्थर मिनी बस पर आ गिरा। बल के चार जवानों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही राहत और बचाव दल मौके पर पहुंच गया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। सिंगफो ने बताया कि हादसे में घायल हुए जवानों में से दो की हालत गंभीर है। गंभीर रूप से घायल जवानों को लिकाबली स्थित सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पांच दिनों में दूसरी घटना
बता दें कि जिस जगह ये हादसा हुआ वो लोअर सिआंग के जिला मुख्यालय लिकाबली से करीब पांच किलोमीटर दूर है। अरुणाचल प्रदेश में पांच दिनों के अंदर बारिश से संबंधित ये दूसरी घटना है। शनिवार को ईटानगर के दोनी कॉलोनी इलाके में भारी बारिश के कारण जमीन धस गई थी। इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई थी। भूस्खलन में बैंबू से बने कैंप को भी तबाह कर दिया था। मानसून में भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या अब 9 तक पहुंच गई है।

एहतियात बरतने की सलाह
दोनी में हुई घटना को लेकर एक स्थानीय नेता ने कहा था कि हमने सरकार को बताया था कि यहां की जमीन रेतीली है, जो ऐसी स्थितियों में खतरनाक साबित हो सकती है। ये प्राकृतिक आपदा है इस पर किसी का भी कंट्रोल नहीं है। पहारनगर और निर्जली के लोगों उन्होंने एहतियात बरतने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि प्राकृतिक आपदा से बचने का सिर्फ यही एक तरीका है।  

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