जम्मू कश्मीर के लिए अलग संविधान एक गलती थी : NSA अजित डोभाल

जम्मू कश्मीर के लिए अलग संविधान एक गलती थी : NSA अजित डोभाल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-04 18:54 GMT
जम्मू कश्मीर के लिए अलग संविधान एक गलती थी : NSA अजित डोभाल
हाईलाइट
  • डोभाल ने कहा
  • संप्रभुता से कभी समझौता नहीं किया जा सकता।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान को एक गलती बताया है।
  • सरदार वल्लभभाई पटेल पर लिखी एक किताब के विमोचन समारोह में शामिल होने डोभाल पहुंचे थे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान को एक गलती बताया है। मंगलवार को देश के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल पर लिखी एक किताब के विमोचन समारोह में शामिल होने पहुंचे डोभाल ने कहा, "संप्रभुता से कभी समझौता नहीं किया जा सकता। जम्मू-कश्मीर के लिए अलग संविधान होना संभवत: एक ‘‘त्रुटि’’ थी। डोभाल का ये बयान ऐसे समय में सामने आया है जब उच्चतम न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 35-ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।

डोभाल ने कहा, संप्रभुता को न तो कमजोर किया जा सकता है और न ही गलत तरीके से परिभाषित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, अंग्रेज जब भारत छोड़कर गए तो संभवत: वे भारत को एक मजबूत संप्रभु देश के रूप में छोड़कर नहीं जाना चाहते थे। इस संदर्भ में पटेल ने अंग्रेजों की योजना शायद समझ ली कि वे कैसे देश में टूट के बीज बोना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि पटेल का योगदान सिर्फ राज्यों के विलय तक नहीं बल्कि इससे कहीं अधिक है। अजित डोभाल ने इस मौके पर पटेल को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

गौरतलब है कि एनजीओ "वी द सिटिजन" ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार देने वाले आर्टिकल 35-ए की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। NGO की याचिका पर छह अगस्त को सुनवाई भी हुई थी।

क्या है है धारा 35-A में?
धारा 35-A में स्थायी नागरिकता पारिभाषित की गई है। इसके मुताबिक स्थाई नागरिक वह है, जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक हो या इससे पहले 10 वर्षों से यहां रह रहा हो। बता दें कि 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने आदेश पारित कर भारत के संविधान में नया अनुच्छेद 35A जोड़ा था। कानून के मुताबिक यहां की महिला की अगर राज्य के बाहर शादी करती है तो उसके और उसके बच्चों को जम्मू कश्मीर का नागरिक नहीं माना जाता।
 

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