अमिरिंदर बोले - सिद्धू का पाक दौरा पर्सनल, ऑफिशियल होता तो मना कर देता

अमिरिंदर बोले - सिद्धू का पाक दौरा पर्सनल, ऑफिशियल होता तो मना कर देता

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-27 18:04 GMT
अमिरिंदर बोले - सिद्धू का पाक दौरा पर्सनल, ऑफिशियल होता तो मना कर देता
हाईलाइट
  • अमरिंदर सिंह ने कहा
  • सिद्धू पहले से ही तय कर चुके थे कि वह इस्लामाबाद जाएंगे।
  • इसके बाद सिद्धू दोबारा मिलने नहीं आए। अगर कोई व्यक्ति व्यक्तिगत दौरे पर जाता है तो वो उसे रोक नहीं सकते हैं।
  • सिद्धू ने कहा था यह एक निजी यात्रा है और वो एक बार मिलकर अपना आगे का कार्यक्रम तय करेंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवजोत सिंह सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, "सिद्धू ने मुझे बताया था कि वह पहले से ही तय कर चुके थे कि वह इस्लामाबाद जाएंगे। जब मैंने (अमरिंदर) उन्हें अपने रूख के बारे में बताया, तो उन्होंने (सिद्धू) कहा कि यह एक निजी यात्रा है और वो एक बार मिलकर अपना आगे का कार्यक्रम तय करेंगे। लेकिन दोबारा सिद्धू मिलने नहीं आए। अगर कोई व्यक्ति व्यक्तिगत दौरे पर जाता है तो वो उसे रोक नहीं सकते हैं। अगर दौरा आधिकारिक होता तो मना किया जा सकता था।"

बता दें कि पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान की तरफ से 28 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया था। जिसके बाद सिद्धू मंगलवार को पाकिस्तान पहुंच गए। पाकिस्तान के लाहौर में प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए सिद्धू ने कहा, यह कॉरिडोर अनंत संभावनाओं, शांति, समृद्धि, व्यापार संबंधों को खोलने का गलियारा है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह गलियारा एक पुल की तरह होगा और दोनों देशों के बीच की दुश्मनी को मिटा देगा। यह लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाएगा और शांति लाने का काम करेगा। मुझे विश्वास है कि इसमें काफी संभावनाएं हैं।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस कार्यक्रम के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी आमंत्रित किया था, लेकिन सुषमा और अमरिंदर ने जाने से मना कर दिया था। बता दें कि करतापुर साहिब गुरुद्वारे को पहला गुरुद्वारा माना जाता है जिसकी नींव श्री गुरु नानक देव जी ने रखी थी। उन्होंने यहां से लंगर प्रथा की शुरुआत की थी। यह स्थल पाकिस्तान में भारतीय सीमा से करीब चार किलोमीटर दूर है और अभी पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक बार्डर आउटपोस्ट से दूरबीन से भारतीय श्रद्धालु इस गुरुद्वारे के दर्शन करते हैं।

 

 

 

 

 

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