अमृतसर हादसा : शिवसेना ने सामना में लिखा- ये खून से सने अच्छे दिन

अमृतसर हादसा : शिवसेना ने सामना में लिखा- ये खून से सने अच्छे दिन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-22 05:09 GMT
अमृतसर हादसा : शिवसेना ने सामना में लिखा- ये खून से सने अच्छे दिन
हाईलाइट
  • अमृतसर रेल हादसे पर शिवसेना का केन्द्र सरकार पर तीखी टिप्पणी
  • शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में 'रक्तरंजित अच्छे दिन'
  • शिवसेना ने कहा है कि अमृतसर में दशहरा पर्व जो रले हादसा हुआ उसमें मारे गए लोगों की जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमृतसर रेल हादसे पर हो रही राजनीति के बीच बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने केन्द्र सरकार पर जमकर हमला किया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में  "रक्तरंजित अच्छे दिन" शीर्षक के साथ लिखा, ""जलियांवाला बाग हत्याकांड की याद दिलाने वाला भयंकर मामला पंजाब में घटित हुआ है। जलियांवाला बाग अंग्रेजी शासन में हुआ था, अमृतसर का हत्याकांड स्वराज में हुआ है। ऐसे में आजादी प्राप्त होने के बावजूद चीटियों और कीड़े मकौड़ों की मौत मरना जनता की किस्मत बनी हुई है""

 

शिवसेना ने कहा है कि अमृतसर में दशहरा पर्व जो रले हादसा हुआ उसमें मारे गए लोगों की जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है। केन्द्र सरकार इतनी बड़ी घटना पर मौन धारण कर बैठी है। शिवसेना ने कहा है कि ये मोदी सरकार के खून से सने अच्छे दिन हैं। देश लोगों के मारने का सिलसिला जारी है। कुछ किसान खेत में मर रहे है, सड़कों पर हादसे घटित हो रहे, रेल हादसों में मरना आम बात हो गई है। पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने कहा है कि देश में बुलेट ट्रेन चलाने की बात की जा रही है, लेकिन आज मौजूदा रेलवे सिस्टम की हालत ठीक नहीं है। सिग्नल प्रणाली, दरार पड़ी पटरियां, लड़खड़ाते टाइम टेबल के बावजूद बुलेट चलाने के बात हैरानी होती है। अपने पत्र सामना में लिखते हुए शिवसेना ने कहा, जब देश में कोई बड़ा रेल हादसा हो जाता है तो रेल मंत्री बदल दिया जाता है। उसे दूसरे विभाग में भेजने की परंपरा बन चुकी है। कुछ रेल हादसों के बाद सुरेश प्रभु गए, उनके जगह पीयूष गोयल को लाया गया। फिर भी अमृतसर में रेल हादसा देखने को मिला। 

 

मुखपत्र सामना में मोदी सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए लिखा गया है कि अमृतसर की रेल पटरियों पर जो हुआ वो रक्तरंजित अच्छे दिन थे। अब देखने ये है कि मोदी सरकार हादसे में मारे गए लोगों ेक आंसू कैसे पोछेगी। अमृतसर दुर्घटना की न्यायालयीन जांच होगी उससे क्या होगा ? रामलीला का रावण दहन का समारोह ही हादसे का कारण बना। रावण की भूमिका निभाने वाला कलाकार भी हादसे में मारा गया लेकिन उसने कई लोगों की जान बचाई। रावण की इस शहादत की तो कम से कम कुछ इज्जत करो। अन्यथा अमृतसर, पटना और मुंबई की तरह दुर्घटनाएं होती रहेंगी।

 

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