भारत बंद: कृषि बिलों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन, पटना में पप्पू यादव की पार्टी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प

भारत बंद: कृषि बिलों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन, पटना में पप्पू यादव की पार्टी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-25 03:53 GMT
हाईलाइट
  • संसद के दोनों सदनों में पारित कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन
  • सड़कों और पटरियों पर उतरे किसान
  • पंजाब में रेल रोको आंदोलन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र में दोनों सदनों से पास हुए कृषि बिलों का देशभर के किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज शुक्रवार को इन्ही बिलों के विरोध में देशभर में किसानों ने बंद का आह्वान किया है। किसान सड़क और पटरियों पर उतकर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के भारत बंद के समर्थन में कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दल भी आ गए हैं।

इसके अलावा देश के 31 किसान संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है। वहीं पंजाब में "रेल रोको" आंदोलन भी जारी है। किसानों के आक्रोश को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है। भारत बंद ऐलान के बाद जगह जगह सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर भी दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ के जवान तैनात हैं।

पुलिस बलों की तैनाती भी बढ़ाई गई
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों में कृषि विधयकों का विरोध सड़कों पर उतर आया है। भारतीय किसान यूनियन समेत अन्य किसान संगठन बिल के खिलाफ चक्का जाम कर रहे हैं। इधर, भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) का कहना है कि वो 2 अक्टूबर को दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री की समाधि की ओर कूच करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।

कृषि बिलों के विरोध में किसानों का भारत बंद Live Update:

विरोध प्रदर्शन के दौरान पप्पू यादव की पार्टी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प  
जन अधिकार पार्टी (जाप) के अध्यक्ष पप्पू यादव बिहार बंद को सफल बनाने के लिए सड़कों पर उतरे। पप्पू यादव ने संसद से पास हुए कृषि से जुड़े तीनों विधेयकों को किसान विरोधी बताया। ट्रैक्टर पर बैठ कर वे इनकम टैक्स गोलम्बर से डाक बंगला चैराहा तक गए और अपना विरोध जताया। बंद के समर्थन में हजारों समर्थक और आम जनता सड़क पर आई और इन कानूनों को वापस लेने की मांग की। पप्पू यादव ने कहा, इस कानून ने देश की आत्मा पर चोट की है। ये अन्नदाता को कमजोर करने वाला कानून है। देश की आधी आबादी कृषि और कृषि आधारित रोजगारों पर आश्रित है और इस कानून से ये पूरी आधी आबादी प्रभावित होगी।

तमिलनाडु: नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग किसान एसोसिएशन के किसान त्रिची में कलेक्टर कार्यालय के बाहर मानव खोपड़ी के साथ प्रदर्शन किया।

अमृतसर: शिरोमणि अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया ने विरोध प्रदर्शन किया।

तेजस्वी यादव ने निकाली ट्रैक्टर रैली
बिहार: किसानों के समर्थन में आए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्रैक्टर रैली निकाल कर कृषि बिलों का विरोध जताया।

फंडदाताओं के ​जरिए अन्नदाताओं को कठपु​तली बनाने का काम- तेजस्वी 
तेजस्वी यादव ने कहा, सरकार ने अपने फंडदाताओं के ​जरिए अन्नदाताओं को कठपु​तली बनाने का काम किया है, ये पूरी तरह किसान विरोधी बिल हैं। इस सरकार ने ऐसा कोई भी सेक्टर छोड़ने का काम नहीं किया जिसका इन्होंने निजीकरण न किया हो। MSP का कहीं भी विधेयक में जिक्र नहीं है।

नोएडा में सड़क पर जाम
भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने दिल्ली की सीमा के पास सड़क जाम किया। नोएडा के एडिशनल डीसीपी ने कहा, हमने ट्रैफ़िक को डायवर्ट किया है ताकि लोगों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। पुलिस बल भी तैनात है।
 

पूरे देश के किसान संगठन एकजुट
भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल ने बताया, हमारे क्षेत्रों में लगभग सब कुछ बंद है। मथुरा और आगरा में किसान सड़कों पर आ गए हैं। जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे। 2 अक्टूबर को दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री की समाधि पर पूरे देश का किसान पहुंच रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कह चुके हैं कि, चक्का जाम में पंजाब, हरियाणा, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत पूरे देश के किसान संगठन एकजुट हैं। पंजाब में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का तीन दिवसीय रेल रोको आंदोलन भी जारी है।

पंजाब: कृषि विधेयकों के विरोध में "रेल रोको आंदोलन", अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान, ट्रेनों का परिचालन रद्द

पंजाब में तीन दिवसीय "रेल रोको आंदोलन"
कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब में किसानों ने गुरुवार को तीन दिवसीय "रेल रोको आंदोलन" शुरू किया। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर बैठकर रेल रोको आंदोलन की शुरुआत की। ये आंदोलन 26 तारीख तक चलेगा। किसान अमृतसर, फिरोजपुर और नाभा में रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं। किसानों के आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने 20 ट्रेनें शनिवार तक रद्द कर दीं हैं। पंजाब और हरियाणा में रेलवे ट्रैकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों के साथ ही सादी वर्दी में सुरक्षाकर्मी जगह-जगह तैनात हैं।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने भी कृषि बिलों के खिलाफ भारत बंद का समर्थन किया है। पंजाब में इस बिल का विरोध काफी पहले से जारी है। यहां किसान संघर्ष समिति के सदस्यों अमृतसर के जंडियाला के गांव देवीदासपुर के पास अमृतसर-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर लेट गए, जबकि फिरोजपुर छावनी स्टेशन के पास बस्ती टैंकवाली और नाभा स्टेशन पर रेलवे स्टेशन के आसपास टेंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। यहां लंगर का भी प्रबंध किया गया है। 

पूरी रात रेलवे ट्रैक पर डटे रहे किसान
पंजाब में किसान पूरी रात रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे रहे और कृषि बिल का विरोध करते रहे। किसानों का कहना है, हम 26 सितंबर तक रेल रोको अभियान चलाएंगे, इसके बाद भी अगर सरकार बिल वापस नहीं लेती है तो हम आगे की रणनीति बनाएंगे। 

किसानों के भारत बंद के कारण दिल्ली-चंडीगढ़ बस सेवा बंद
भारत बंद के कारण दिल्ली-चंडीगढ़ बस सेवा को बंद कर दिया गया है। किसानों के विरोध के चलते ट्रेन के पहिये भी थम गए हैं। प्रोटेस्ट को लेकर अंबाला जिला प्रशासन चौकन्ना है और 5 बटालियन पुलिस को लगाया गया है। रेलवे ट्रेक और स्टेशन की सुरक्षा में जीआरपी और आरपीएफ भी चौकस है। जिला प्रशासन ने प्रदर्शन की वीडियोग्राफी कराने की भी तैयारी की है।

पंजाब में 12 ट्रेनें रद्द
किसानों के प्रदर्शन के कारण अमृतसर से चलने वाली 12 गाड़ियां रद्द कर दी गईं और जो अमृतसर पहुंचने वाली ट्रेनों को अंबाला में ही रोक दिया गया। कुछ गाड़ियों के रूट में परिवर्तन कर उन्हें गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाया गया। किसानों ने राज्य में कई जगह रोड जाम कर प्रदर्शन किया। इसके अलावा कई अन्य संगठनों के साथ ही कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी ने भी बंद को समर्थन दिया है।

पंजाब: कृषि विधेयकों के विरोध में "रेल रोको आंदोलन", अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान, ट्रेनों का परिचालन रद्द

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