इंटरनेशनल क्रिकेट पर भी IPL का असर, नहीं होगी द्विपक्षीय सीरीज ?

इंटरनेशनल क्रिकेट पर भी IPL का असर, नहीं होगी द्विपक्षीय सीरीज ?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-10 06:11 GMT
इंटरनेशनल क्रिकेट पर भी IPL का असर, नहीं होगी द्विपक्षीय सीरीज ?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। इंटरनेशनल क्रिकेट में IPL के चलते बड़ा बदलाव जल्द ही देखने को मिल सकता है। सिंगापुर में हुई ICC की मीटिंग में ये संकेत मिले हैं। खबरों के मुताबिक 2019 के बाद होने वाले आईपीएल आयोजनों के दौरान अप्रैल और मई में दुनिया भर के देशों के द्विपक्षीय सीरीज न खेलने पर जल्द ही सहमति बन सकती है।

दुनिया के सबसे महंगे और कमाऊ क्रिकेट आयोजनों में से एक आईपीएल का असर अब इंटरनेशनल क्रिकेट पर भी देखने को मिल रहा है। 7 और 8 दिसंबर को सिंगापुर में आयोजित हुई ICC की मीटिंग में BCCI समेत सभी क्रिकेट बोर्डों के चीफ एग्जिक्युटिव ने अपना फ्यूचर टूर प्रोग्राम रखा। खबरों की मानें तो इस दौरान BCCI ने IPL में सभी देशों के क्रिकेटरों को खेलने का अवसर दिए जाने का प्रस्ताव रखा। यहीं नहीं BCCI ने IPL के वक्त सभी देशों के द्विपक्षीय सीरीज न कराने का भी प्रस्ताव रखा। 

 

बताया जा रहा है कि इंग्लैंड ऐंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के अलावा सभी ने BCCI के इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति जताई है। हालांकि BCCI को भरोसा है कि इंग्लैंड ऐंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड भी जल्दी ही इसके लिए राजी हो जाएगा। दरअसल इंग्लैंड में घरेलू क्रिकेट का सीजन जून में शुरू होता है। वहीं IPL अप्रैल-मई के दौरान होने वाला टूर्नामेंट है। ऐसे में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड द्विपक्षीय सीरीज के लिए खुद को फ्री करने पर तैयार हो सकता है।

 

सोमवार को दिल्ली में BCCI की महत्वपूर्ण बैठक है। इस बैठक में 2019 वर्ल्ड कप के बाद के आयोजनों एवं राइट्स को लेकर बीसीसीआई की स्पेशल जनरल बॉडी में चर्चा की जाएगी। यदि आईपीएल के दौरान अन्य क्रिकेट आयोजन न होने पर सहमति बनती है यह इस बात का भी संकेत होगा कि भविष्य में इंटरनेशनल क्रिकेट किस दिशा में जाने वाला है।

 

IPL लगातार बना रहा नए रिकॉर्ड

IPL लगातार कमाई और लोकप्रियता के नए-नए रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। BCCI का दावा है कि आईपीएल ब्रैंड बढ़कर 4.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 27 हजार करोड़ रुपए के पार हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक आईपीएल 2015 ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 1150 करोड़ रुपए का योगदान दिया था। यह भारत की कुल जीडीपी का 0.6 प्रतिशत रहा। वहीं ये आंकड़ा हर साल तेजी से बढ़ रहा है। 
    

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