बिहार : चुनाव से पहले ही बिखर गया महागठबंधन, मांझी ने पकड़ी अलग राह!

बिहार : चुनाव से पहले ही बिखर गया महागठबंधन, मांझी ने पकड़ी अलग राह!

IANS News
Update: 2019-11-08 10:30 GMT
बिहार : चुनाव से पहले ही बिखर गया महागठबंधन, मांझी ने पकड़ी अलग राह!

पटना, 8 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए झारखंड में विपक्षी दलों के एकजुट होने की संभावना क्षीण होती दिख रही है। झारखंड में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के प्रमुख बाबूलाल मरांडी के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद महागठबंधन के घटक दलों में शामिल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने भी झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।

हम ने अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा में भी अकेले चुनाव लड़ने की बात कही है। पार्टी अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने आरोप लगाया है, मेरे बार-बार कहने के बावजूद ग्रैंड अलायंस (महागठबंधन) में को-अर्डिनेशन कमेटी का गठन नहीं किया जा सका। इस वजह से, गठबंधन सहयोगियों के बीच समन्वय की कमी है। ऐसे में अकेले चुनाव लड़ना बेहतर होगा।

उन्होंने शुक्रवार को महागठबंधन से अलग होने की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए ऐसा फैसला लेना पड़ा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि महागठबंधन में रहने वालों को भ्रम है कि वे हैं, तभी महागठबंधन और अन्य पार्टियां हैं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि नौ अगस्त को भी उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से राय मांगी थी और गुरुवार को पार्टी की बुलाई गई बैठक में यही राय बनी है।

हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि अब हम किसी भी गठबंधन की वैसाखी के सहारे चुनाव में नहीं उतरने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पार्टी ने झारखंड का चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कौन-कौन उम्मीदवार होंगे, 10 नवम्बर तक इसकी घोषणा कर दी जाएगी।

झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने आगे निर्णय लेने के लिए प्रधान महासचिव डॉ. संतोष कुमार सुमन को अधिकृत किया है।

हम ने गुरुवार को सदस्यता अभियान की समीक्षा के लिए पार्टी की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में 30 दिसंबर तक बूथस्तर तक समिति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद से ही महागठबंधन में दरार दिखने लगी थी। मांझी ने इसके पहले भी हार के लिए राजद नेता तेजस्वी यादव के कमजोर नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया था।

गौरतलब है कि गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद सदस्य संजय पासवान ने भी मांझी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद पासवान ने हालांकि छठ का प्रसाद खाने और खिालाने के लिए आने की बात कही थी।

मांझी की पार्टी महागठबंधन से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल थी। हम ने लोकसभा चुनाव में महागठबंधन का दामन थामा। इसके बाद हाल में ही पांच विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव में मांझी की पार्टी ने महागठबंधन से बगावत करते हुए एक सीट पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी को उतारा था।

राजद हालांकि अभी भी महागठबंधन को एकजुट बता रहा है। राजद के वरिष्ठ नेता और विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि महागठबंधन एकजुट है। उन्होंने कहा कि मांझी अभी भी महागठबंधन में शामिल हैं। मांझी के बयानों के बारे में ध्यान दिलाए जाने पर प्रकाश ने कहा, मांझी जी ऐसे बयान देते रहते हैं। वह महागठबंधन के साथ हैं। कुछ दिन इंतजार कीजिए।

उल्लेखनीय है कि झारखंड में भी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो ने अकेले चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है।

 

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