बिहार-महाराष्ट्र के साथी दलों को साधने में जुटी बीजेपी, उद्धव से मिलेंगे शाह
बिहार-महाराष्ट्र के साथी दलों को साधने में जुटी बीजेपी, उद्धव से मिलेंगे शाह
- BJP की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना पहले से मुंह फुलाए बैठी है और 2019 का लोकसभा चुनाव BJP के बिना लड़ने की घोषणा कर चुकी है।
- जदयू चाहता है कि दबाव बनाकर वह 40 में से कम-से-कम 20 सीटें झटक ले और शेष 20 सीटें BJP
- लोजपा और रालोसपा के लिए छोड़ दे।
- बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों से जदयू ने 25 पर अपना दावा जता दिया है। ऐसा करके जदयू ने BJP पर दबाव बनाया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 2019 लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने में भले ही अभी देर है, लेकिन देश का सियासी तापमान अभी से बढ़ गया है। सत्ताधारी BJP के खिलाफ जहां विपक्षी दलों का मजबूत गठबंधन बनते दिख रहा है तो वहीं BJP नेतृत्व वाले राजग में भी खींचतान शुरू हो गई है। BJP को फिलहाल बिहार और महाराष्ट्र के सहयोगी दलों की चुनौती से दो-चार होना पड़ रहा है।
उद्धव से जल्द संपर्क साधेंगे शाह
BJP की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना पहले से मुंह फुलाए बैठी है और 2019 का लोकसभा चुनाव BJP के बिना लड़ने की घोषणा कर चुकी है। ऐसे वक्त जब महाराष्ट्र में कांग्रेस आैर राकांपा के बीच सियासी दोस्ती लगभग पक्की है, तब शिवसेना की दो टूक ने BJP नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है। सूत्र बताते हैं कि राजग में हर हाल में विश्वास बहाली में जुटे BJP अध्यक्ष अमित शाह जल्द ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से संपर्क साधेंगे। लेकिन शाह का मिशन महाराष्ट्र इस बार कहीं ज्यादा कठिन दिख रहा है।
बिहार में सीटों को लेकर बढ़ा उलझन
शिवसेना की तरह बिहार की सहयोगी पार्टियों ने भी BJP को आखें दिखानी शुरू कर दी है। गठबंधन के तहत ज्यादा सीटें झटकने की चाहत में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू ने जहां खुद को BJP का बड़ा भाई घोषित कर दिया है तो वहीं रालोसपा के अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने भी दो टूक कहा है कि BJP सीट बंटवारे पर सहयोगी दलों से जल्द बात करे। उधर लोजपा सुप्रीमों व केनद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी अमित शाह के साथ बैठक मंे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाकर सीटों को लेकर दबाव बढ़ा दिया है।
जदयू के 25 सीट के दावे से भौंचक BJP
बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों से जदयू ने 25 पर अपना दावा जता दिया है। ऐसा करके जदयू ने BJP पर दबाव बनाया है। सूत्र बताते हैं कि जदयू चाहता है कि दबाव बनाकर वह 40 में से कम-से-कम 20 सीटें झटक ले और शेष 20 सीटें BJP, लोजपा और रालोसपा के लिए छोड़ दे। दरअसल 2009 का लोकसभा चुनाव BJP और जदयू ने मिलकर लड़ा था जिसमें जदयू को 25 और BJP को 15 सीटें मिली थी। लेकिन 2014 के चुनाव मंे BJP और जदयू अलग हो गए थे। BJP ने लोजपा और रालोसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। ऐसे में जदयू ने 2009 के फार्मूले के तहत अपने लिए 25 सीटें मांगी है।