फलों-सब्जियों में मिलावट रोकने के लिए क्या कर रही है सरकार ? - हाईकोर्ट

फलों-सब्जियों में मिलावट रोकने के लिए क्या कर रही है सरकार ? - हाईकोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-15 18:59 GMT
फलों-सब्जियों में मिलावट रोकने के लिए क्या कर रही है सरकार ? - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि फलों व सब्जियों को पकाने व आकर्षक बनाने के लिए रसायन के इस्तेमाल को रोकने के लिए कौन से कदम उठाए हैं। सरकार इतने गंभीर मामले को नजरअंदाज नहीं कर सकती। अदालत ने सरकार से जानना चाहा है कि उसके पास कितने खाद्य सुरक्षा अधिकारी और रसायनयुक्त खाद्य सामाग्री की जांच के लिए सरकार के पास कितनी मोबाइल वैन है। हर माह ऐसी कितनी समाग्री के नमूने लिए जाते है। इसकी जानकारी हमे अगली सुनवाई के दौरान उपलब्ध कराई जाए।

क्या कृषि अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया?
जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस नितिन सांब्रे की बेंच ने कहा कि किसान कीटनाशकों का कैसे इस्तेमाल करे इसकी जानकारी देने के लिए क्या कृषि अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। सरकार ने इस विषय को लेकर जागरुकता फैलाने की दिशा में कौन से कदम उठाए है। इसकी जानकारी हमे हलफनामे में उपलब्ध कराया जाए। सरकार हमे बताए कि वह किस चीज की कमी के चलते फलों को पकाने के लिए रसायन के इस्तेमाल को नहीं रोक पा रही है।

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फलोंं को पकाने हो रहा रसायन का इस्तेमाल
बेंच के सामने इस विषय को लेकर सिटीजन सर्कल फार सोशल वेलफेयर एंड एज्युकेशन नामक संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका में दावा किया गया है कि अक्सर फल व सब्जी बिक्रेता फलों को पकाने व चमकदार बनाने के लिए मोनो सोडियम ग्लूटामेट, कैल्सियम कार्बाइड व एथलीन का इस्तेमाल किया जाता है। ताकि फल ताजे व आकर्षक नजर आए। इसी तरह मुर्गी पालन व्यवसाय से जुड़े लोग भी अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल करते हैं।

ये फल व सब्जियां स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। इससे कैंसर व दूसरी प्राणघातक बीमारिया हो सकती हैं। इसलिए फलोंं व सब्जियों में रसायन के इस्तेमाल व किसानों को अत्यधिक कीटनाशकों का उपयोग रोकने के लिए सरकार को उचित नीति तैयार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया जाए। इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था बनाई जाए की समय-समय पर सब्जी मंडियों और मुर्गीपालन के फार्म का अचानक दौरा करके जरुरी जांच की जाए।

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