बुलंदशहर हिंसा: तीन अधिकारियों का ट्रांसफर, योगी बोले-ये मॉब लिंचिंग नहीं

बुलंदशहर हिंसा: तीन अधिकारियों का ट्रांसफर, योगी बोले-ये मॉब लिंचिंग नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-08 09:47 GMT
बुलंदशहर हिंसा: तीन अधिकारियों का ट्रांसफर, योगी बोले-ये मॉब लिंचिंग नहीं
हाईलाइट
  • डीजीपी ने बैठक के बाद लिया तबादला करने का निर्णय
  • तीन अधिकारियों पर गिरी हिंसा की गाज
  • स्थिति संभालने में नाकाम रहने की मिली सजा

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा की गाज तीन पुलिस अधिकारियों पर गिरी है। बुलंदशहर के एसएसपी कृष्ण बहादुर सिंह, सीओ सत्या प्रकाश शर्मा और चौकी प्रभारी सुरेश कुमार का ट्रांसफर कर दिया गया है। स्थिति संभालने में नाकाम रहने के कारण तीनों पर कार्रवाई की गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर की घटना को दुर्घटना करार दिया है। बता दें कि उन्होंने पहले इस घटना को बहुत बड़ी साजिश बताया था।

गृह विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक कथित तौर पर कुछ हिंदूवादी संगठनों को खेत में गोवंश के अवशेष मिले थे। इसके बाद हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी। भीड़ की इस हिंसा में चिंगरावठी गांव के एक युवक सुमित सिंह के अलावा पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की भी मौत हो गई थी। तीनों पुलिसकर्मियों का तबादला पुलिस निदेशक की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद लिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मॉब लिंचिंग नहीं हुई है। बुलंदशहर में हुआ हादसा एक दुर्घटना थी। पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। 


इससे पहले बुलंदशहर में हुई हिंसा पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत का बयान सामने आया है। हिंसा में 11वें नंबर का आरोपी बनाया गया जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी के खिलाफ सबूत मिलने पर उसे पुलिस को सौंप दिया जाएगा। रावत ने कहा कि पुलिस सबूत पेश करती है तो हम पूरा सहयोग करेंगे। इंस्पेक्टर को जिस हथियार से गोली मारी गई, पुलिस उसकी तलाश करने बुलंदशहर भी जाएगी।

बता दें कि घटना के वीडियो सामने आने के बाद जीतू फौजी जम्मू भाग गया है। इसके बाद यूपी पुलिस की एक टीम भी हवाई जहाज से जम्मू पहुंची है। एफआईआर में आरोपी नंबर 11 के रूप में जीतेंद्र सिंह उर्फ जीतू फौजी का नाम है। जीतू भारतीय सेना में जवान है, जो इस समय कश्मीर में तैनात है। जीतू को इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के मामले में आरोपी बनाया गया है। घटना वाले दिन के बाद से वह फरार है। जीतू को ढूंढने के लिए बुलंदशहर से पुलिस की एक टीम जम्मू कश्मीर पहुंची है। 


उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एसाईटी गठित की है। एसाईटी उन 14 वीडियो की जांच कर रही है, जो हिंसा के दौरान बनाए गए है। यूपी पुलिस के मुताबिक कई वीडियो में जीतू को हिंसा करते हुए देखा गया है। पुलिस गवाहों के साथ आरोपियों के भी बयान दर्ज कर रही है। जीतू को ढूंढने के लिए यूपी पुलिस की एक टीम उधमपुर बेस के नॉर्दन कमांड के कई अधिकारियों से भी शुक्रवार को मिली थी। सेना ने यूपी पुलिस को जांच में मदद करने का भरोसा दिया था। 


बता दें कि जीतू फौजी का पुराना कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। दरअसल, चित्सौना के इंटर कॉलेज से हाईस्कूल तक की पढ़ाई करने के बाद जीतू ने पब्लिक इंटर कॉलेज स्याना से 12वीं पास की। जीतू को सेना में काम करते हुए 4 साल हो चुके हैं, उसकी उम्र 24 साल के करीब बताई जा रही है। जीतू की शादी हो चुकी है और उसका एक 10 महीने का बच्चा भी है। जीतू के चाचा ब्रह्म सिंह ने इस बात कि पुष्टि की है कि जीतू हिंसा वाली जगह पर मौजूद था।


 

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