अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंटरी पर सेंसर बोर्ड ने आखिर क्यों चलाई कैंची

अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंटरी पर सेंसर बोर्ड ने आखिर क्यों चलाई कैंची

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-13 05:48 GMT
अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंटरी पर सेंसर बोर्ड ने आखिर क्यों चलाई कैंची

डिजिटल डेस्क,मुंबई।  प्रख्यात इकॉनामिस्ट और नोबेल अवार्ड से सम्मानित अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंटरी अब विवादों में घिरती नजर आ रही है। दरअसल डॉक्यूमेंटरी में इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताते हुए इन्हें हटाने को कहा है। लेकिन इस डॉक्यूमेंटरी के डायरेक्टर सुमन घोष का कहना है कि सेंसर बोर्ड की बात मानने की बजाय हम इसे ऑनलाइन रिलीज करेंगे। 

दरअसल, अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंटरी 'एन ऑर्ग्यूमेंटेटिव इंडियन' में गाय, गुजरात, हिंदू और हिंदुत्व जैसे शब्दों पर सेंसर बोर्ड की तरफ से आपत्ति जताई गई है। इस डॉक्यूमेंटरी में अमर्त्य सेन ने इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने गुजरात दंगों की बात करते हुए इन शब्दों का इस्तेमाल किया है। जिस पर सेंसर बोर्ड ने कहा है कि इससे देश की छवि खराब होगी। डायरेक्टर सुमन घोष ने बताया कि सेंसर बोर्ड को अमर्त्य सेन के इंटरव्यू में गुजरात दंगों पर की गई टिप्पणी से परेशानी है। वो 'हिंदू', 'भारत' और 'हिंदुत्व' शब्दों को हटाना चाहते हैं, उन्होंने 'गाय' को भी हटाने को कहा है और इसकी जगह पर 'बीप' इस्तेमाल करने को कहा है, जो बेहद हास्यास्पद है। 
 
घोष का कहना है कि मैं इससे एक भी शब्द नहीं हटाऊंगा, यदि कोई नतीजा नहीं निकलता है, तो इस डाक्यूमेंटरी को ऑनलाइन रिलीज किया जाएगा। इसके आगे उन्होंने ये भी कहा कि हम इसके लिए लीगल ऑप्शन भी देख रहे हैं, यदि जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट जाएंगे। लेकिन इसके पहले सेंसर बोर्ड से इस बारे में बात कर उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे। इस फिल्म को पहले ही न्यूयॉर्क और लंदन में रिलीज किया जा चुका है और इस शुक्रवार को ही इसे भारत में रिलीज किया जाना था। 

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