Election Commission Guidelines: पार्टी और उम्मीदवार को मीडिया में 3 बार विज्ञापन के जरिए देनी होगी आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी

Election Commission Guidelines: पार्टी और उम्मीदवार को मीडिया में 3 बार विज्ञापन के जरिए देनी होगी आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-11 15:22 GMT
Election Commission Guidelines: पार्टी और उम्मीदवार को मीडिया में 3 बार विज्ञापन के जरिए देनी होगी आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी
हाईलाइट
  • उम्मीदवारों के आपराधिक छवि से जनता को अवगत कराना उद्देश्य
  • नामांकन वापसी की अंतिम तारीख से पहले देना होगा विज्ञापन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने दागी छवि के उम्मीदवारों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्रत्याशियों और उनके राजनीतिक दलों को अखबारों और टीवी चैनलों पर तीन बार विज्ञापन देकर आपराधिक ब्यौरा बताना होगा। चुनाव आयोग की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद इस बारे में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

दरअसल, चुनाव आयोग की ओर से आपराधिक छवि के उम्मीदवारों पर दर्ज मुकदमों के ब्यौरे को विज्ञापन के रूप में प्रचारित करने के लिए इससे पूर्व दस अक्टूबर 2018 और छह मार्च 2020 के निर्देश जारी किए थे। इस सिलसिले में शुक्रवार को हुई बैठक में कुछ नए दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। ताकि दागी प्रत्याशियों के आपराधिक मामलों से जनता को जागरूक करने का तंत्र और कारगर हो।

नामांकन वापसी की अंतिम तारीख से पहले देना होगा विज्ञापन
नए निर्देशों के मुताबिक, प्रत्याशी को पहली बार नामांकन वापसी की अंतिम तारीख के चार दिन के अंदर अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का विज्ञापन प्रकाशित कराना होगा। दूसरी बार यह विज्ञापन नामांकन वापसी की तारीख के पांच से आठ दिन के भीतर देना होगा। वहीं तीसरी और आखिरी बार यह विज्ञापन नामांकन वापसी के नौवें दिन से लेकर कैंपेन के आखिरी दिन के बीच देना होगा।

आयोग ने कहा है कि निर्विरोध उम्मीदवारों और उनके राजनीतिक दलों को भी आपराधिक ब्यौरे का विज्ञापन देना होगा। आयोग ने कहा है कि नए दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

उम्मीदवारों के आपराधिक छवि से जनता को अवगत कराना उद्देश्य
बता दें कि भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर आपराधिक छवि के उम्मीदवारों के विज्ञापन जारी करने की व्यवस्था हुई थी। कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने वर्ष 2018 और फिर वर्ष 2020 में इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे। ताकि जनता को उम्मीदवारों के चाल-चरित्र के बारे में जानकारी हो सके। अब इस संबंध में आयोग ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

Tags:    

Similar News