2जी केस: जज बोले, 7 साल किया सबूतों का इंतजार, सब बेकार हो गया 

2जी केस: जज बोले, 7 साल किया सबूतों का इंतजार, सब बेकार हो गया 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-21 16:26 GMT
2जी केस: जज बोले, 7 साल किया सबूतों का इंतजार, सब बेकार हो गया 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े घोटाले 2जी केस में आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इस केस में आरोपियों को बरी किए जाने का फैसला सुनाते हुए सीबीआई के स्पेशल जज ओपी सैनी ने सूबतों के अभाव के लिए अफसोस भी जताया। उन्होंने कहा कि, सबूतों के लिए मैं 7 साल तक इंतजार करता रहा, लेकिन सीबीआई ने ठोस सबूत पेश नहीं किया। जज ने ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोझी और कई अन्य को बरी करने के अपने फैसले में यह टिप्पणी की।

क्या कहा सैनी ने
सैनी ने कहा, "बीते करीब सात साल में गर्मियों की छुट्टियों सहित सभी कामकाजी दिनों में मैं पूरी शिद्दत से सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुली अदालत में इस इंतजार में बैठा कि कोई कानूनी रूप से स्वीकार्य सबूत लेकर आएगा, लेकिन सब बेकार चला गया।" बता दें कि टूजी घोटाले की जांच से जुड़े मामलों पर अलग से सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप 14 मार्च 2011 को विशेष न्यायाधीश की अदालत गठित की गई थी।

क्या है 2G स्पेक्ट्रम घोटाला? 

2G देश का सबसे चर्चित घोटाला है। इस घोटाले का खुलासा 2010 में आई CAG की रिपोर्ट में किया गया था। उस वक्त विनोद राय ने अपनी रिपोर्ट में 2008 में बांटे गए स्पेक्ट्रम पर सवाल खड़े किए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि स्पेक्ट्रम को नीलामी की बजाय "पहले आओ, पहले पाओ" की पॉलिसी पर लाइसेंस दिए गए, जिससे सरकार को 1 लाख 76 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था। 

रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया था कि अगर ये लाइसेंस नीलामी के आधार पर बांटे जाते, तो ये रकम सरकारी खजाने में जाती। इसके बाद 2011 में पहली बार इस घोटाले में कोर्ट ने 17 आरोपियों को दोषी मानकर 6 महीने की सजा सुनाई गई थी।

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