आतंकियों के मंसूबे कामयाब न हो इसलिए केंद्र ने बढ़ाया BSF का अधिकार क्षेत्र, पंजाब CM बोले- ये संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ

BSF पर सियासत आतंकियों के मंसूबे कामयाब न हो इसलिए केंद्र ने बढ़ाया BSF का अधिकार क्षेत्र, पंजाब CM बोले- ये संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-14 06:07 GMT
आतंकियों के मंसूबे कामयाब न हो इसलिए केंद्र ने बढ़ाया BSF का अधिकार क्षेत्र, पंजाब CM बोले- ये संविधान के संघीय ढांचे के खिलाफ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश बढ़ती आतंकी घटनाओं को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार ने पंजाब राज्य में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ा कर 50 किलोमीटर तक कर दिया है। यानी अब बीएसएफ के जवान पंजाब और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय क्षेत्र के अंदर 50 किलोमीटर तक तलाशी अभियान चला सकेंगे। इसके लिए BSF को राज्य सरकार या किसी प्रशासनिक अधिकारी की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। 

BSF का दायरा बढ़ाने पर पंजाब में गरमाई सियासत
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत  सिंह चन्नी ने गृह मंत्रालय के इस फैसले को पंजाब के साथ धोखा करार दिया। चन्नी ने कहा इस फैसले के बाद आधे से ज्यादा पंजाब बीएसएफ के बहाने केन्द्र सरकार के कंट्रोल में चला जाएगा। पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए ट्वीट किया, मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ 50 किमी के क्षेत्र में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जो संघवाद पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस असंगत निर्णय को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं।
 

केंद्र के पास सीमा क्षेत्र में बदलाव अधिकार है ?
जी हां, सीमा सुरक्षा अधिनियम, 1968 की धारा 139 के तहत केंद्र सरकार को BSF के अधिकार क्षेत्र में बदलाव का अधिकार है। यूपीए सरकार ने 2011 में BSF ऐक्‍ट में बदलाव कर फोर्स को सीमा से इतर अन्‍य इलाकों में भी सर्च, सीज और अरेस्‍ट की पावर देने की कोशिश की थी। 


क्‍या बदल गया है?
नए आदेश के अनुसार, पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम राज्‍यों में बॉर्डर से 50 किलोमीटर भीतर तक के इलाके में बीएसएफ ऑपरेट कर सकेगी। केंद्र ने 2014 के नोटिफिकेशन में बदलाव करते हुए BSF की शक्तियां बढ़ाई हैं। तीन राज्‍यों में BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के साथ-साथ कुछ राज्‍यों में घटाया भी गया है। जैसे- मणिपुर,मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और त्रिपुरा में उसके अधिकार क्षेत्र को 20 किलोमीटर तक घटा दिया गया है। इन राज्‍यों में पहले BSF का अधिकार क्षेत्र 80 किलोमीटर भीतर तक था। गुजरात में भी BSF के अधिकार क्षेत्र को 80 से घटाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है। राजस्‍थान में BSF का इलाका पहले ही तरह 50 किलोमीटर भीतर तक रहेगा। नोटिफिकेशन के अनुसार, BSF के पास इस दायरे में पासपोर्ट ऐक्‍ट, NDPS ऐक्‍ट, कस्‍टम्‍स ऐक्‍ट, CrPC आदि के तहत तलाशी, जब्‍ती और गिरफ्तारी का अधिकार होगा।

पंजाब में बढ़ाया, लेकिन गुजरात में घटाया क्यों ?
गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को कम कर दिया गया है और एकरूपता लाने के लिए सीमा की सीमा 80 किमी से घटाकर 50 किमी कर दी गई है। अधिकारियों का दावा है कि इन राज्यों में बीएसएफ को आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात किया गया है, इसलिए वे उसी के मुताबिक काम करते हैं। जबकि राजस्थान में त्रिज्या क्षेत्र को पहले की तरह 50 किमी रखा गया है। पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कोई सीमा निर्धारित नहीं है।

 

 



 

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