Toolkit Case: मैनिपुलेटेड मीडिया' बताने पर सरकार की ट्विटर को सख्त हिदायत, कहा- हम जांच कर रहे हैं, आप एकतरफा फैसला न सुनाएं

Toolkit Case: मैनिपुलेटेड मीडिया' बताने पर सरकार की ट्विटर को सख्त हिदायत, कहा- हम जांच कर रहे हैं, आप एकतरफा फैसला न सुनाएं

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-21 13:27 GMT
Toolkit Case: मैनिपुलेटेड मीडिया' बताने पर सरकार की ट्विटर को सख्त हिदायत, कहा- हम जांच कर रहे हैं, आप एकतरफा फैसला न सुनाएं
हाईलाइट
  • ट्विटर मैनिपुलेटेड मीडिया टैग का इस्तेमाल बंद करे
  • ट्विटर से कहा कि अभी टूलकिट मामले की जांच
  • एजेंसी कर रही है
  • मैनिपुलेटेड मीडिया टैग का इस्तेमाल करने पर सरकार की सख्त आपत्ति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टूलकिट मामले में केंद्र सरकार ने ट्विटर द्वारा मैनिपुलेटेड मीडिया टैग का इस्तेमाल करने पर सख्त आपत्ति जताई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने शुक्रवार को ट्विटर से कहा कि अभी टूलकिट मामले की जांच, एजेंसी कर रही है। ऐसे में ट्विटर मैनिपुलेटेड मीडिया टैग का इस्तेमाल बंद करे। बता दें कि BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने 18 मई को टूल किट को लेकर कुछ ट्वीट किए थे। ट्विटर ने इस पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग लगा दिया था।

 

 

केंद्र ने कहा कि आप जांच पूरी होने तक इस प्रक्रिया में दखल न दें। जब तक यह मामला जांच के दायरे में है तब तक ट्विटर अपना फैसला नहीं सुना सकता है। सरकार ने कहा, ट्विटर ने इस मामले में एकतरफा निष्कर्ष निकाला है और मनमाने ढंग से इसे "मैनिपुलेटेड मीडिया" के रूप में टैग किया है। ट्विटर द्वारा इस तरह की टैगिंग पूर्व-निर्धारित, पूर्वाग्रही और जांच को नया रंग देने की कोशिश लगती है। मंत्रालय ने ट्विटर की कार्रवाई को निष्पक्ष जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास बताया है।

क्या है टूलकिट केस?
भाजपा के कई नेताओं ने ट्विटर पर एक टूलकिट शेयर की थी जिसमें कांग्रेस के लेटरपैड पर महामारी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री और सरकार को घेरने के तरीके बताए गए हैं। इसमें पीएम मोदी की छवि को खराब करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सहायता लेने और नए म्यूटेंट स्ट्रेन को "भारतीय स्ट्रेन" कहने को कहा गया है। वहीं सोशल मीडिया पर इसके लिए "मोदी स्ट्रेन" नाम उपयोग करने की सलाह दी गई है।

टूलकिट में महाकुंभ के जरिए सरकार को घेरने के तरीके भी बताए गए हैं। इसमें कहा गया है कि हमेशा "सुपर स्प्रेडर कुंभ" शब्द का इस्तेमाल करना है ताकि लोगों को याद रहे कि इतनी परेशानी भाजपा की हिंदू राजनीति की वजह से हो रही है। इसमें पार्टी समर्थकों से सोशल मीडिया पर तस्वीरों के जरिए कुंभ को धर्म के नाम पर राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन और ईद को खुशहाल सामाजिक सभा बताने को भी कहा गया है।

टूलकिट में यह भी कहा गया है कि इस संकट के बावजूद प्रधानमंत्री की अप्रूवल रेटिंग कम नहीं हुई है और यह उनकी छवि को बर्बाद करने और लोकप्रियता को खत्म करने का समय है। इसके लिए मोदी या भाजपा समर्थक जैसे दिखने वाले सोशल मीडिया हैंडल्स से मोदी की आलोचना करने और मीडिया की सहायता लेने को कहा गया है। 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना को "मोदी का निजी घर" कहने की सलाह भी दी गई है।

कांग्रेस ने इस टूलकिट को फेक बताया है और भाजपा पर उसके लेटरपैड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने कहा कि जब देश कोविड से तहस-नहस हुआ पड़ा है, तब भाजपा राहत प्रदान करने की बजाय फेक न्यूज फैलाने में लगी हुई है। वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भाजपा को "बिल्कुल झूठ पार्टी" कहा। कांग्रेस ने मामले में नड्डा और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।

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