याचिकाकर्ताओं ने राफेल की जानकारी लीक कर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला - सरकार

याचिकाकर्ताओं ने राफेल की जानकारी लीक कर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला - सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-13 14:01 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विवादास्पद राफेल डील को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया। इस हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं ने अपनी समीक्षा याचिका में लड़ाकू विमान से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज संलग्न किए और उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। उनके ऐसा करने से अब ये कागज देश के विरोधियों के लिए भी उपलब्ध हो गए हैं।

हलफनामे में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार की सहमति और अनुमति के बिना संवेदनशील दस्तावेजों की अनधिकृत फोटोकॉपी कर इसे समीक्षा याचिका/अन्य आवेदनों में संलग्न किया गया है। इस तरह दस्तावेज लीक किए जाने से देश की संप्रभुता, सुरक्षा और विदेशी संबंधों पर विपरीत असर हुआ है। इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और एक्टिविस्ट एडवोकेट प्रशांत भूषण संवेदनशील जानकारी लीक करने के दोषी हैं।

हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं ने अनाधिकृत रूप से एक्सेस किए गए दस्तावेजों का उपयोग कर राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मामले पर अधूरी तस्वीर पेश करने की कोशिश की है। पिछले हफ्ते सरकार ने इन दस्तावेजों और प्रशांत भूषण के बयानों के आधार पर खबरें प्रकाशित करने वाले दो प्रकाशनों के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत "आपराधिक कार्रवाई" शुरू करने की धमकी दी थी।

बता दें कि अदालत में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की राफेल फाइटर जेट सौदे के दस्तावेज चोरी होने की टिप्पणी के बाद राजनीतिक घमासान छिड़ गया था। कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने इस तरह के संवेदनशील कागजात की चोरी पर सरकार को निशाना बनाया था और आपराधिक जांच की मांग की थी।

हालांकि बाद में वेणुगोपाल ने यू टर्न लेते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष की गई उनकी टिप्पणी का गलत मतलब निकाला गया। उनका कहने का मतलब था कि आवेदन में याचिकाकर्ताओं ने गुप्त दस्तावेजों कि "मूल" पत्रों की फोटोकॉपी का इस्तेमाल किया था।

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