CLAT 2018 का रिजल्ट आज होगा घोषित, SC ने रोक लगाने से किया इंकार

CLAT 2018 का रिजल्ट आज होगा घोषित, SC ने रोक लगाने से किया इंकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-30 09:20 GMT
CLAT 2018 का रिजल्ट आज होगा घोषित, SC ने रोक लगाने से किया इंकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने CLAT 2018 परीक्षा परिणाम पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। जिसके बाद देश भर के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों व विधि संस्थानों में दाखिले के लिए ली गई CLAT परीक्षा के नतीजे गुरुवार को जारी कर दिए जाएंगे। यह परीक्षा पूरे देश के प्रतिष्ठित 19 नेशनल लॉ कॉलेज में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है। जस्टिस एलएन राव और एमएम शांतनागोदर की वेकेशन बेंच ने CLAT अभ्यर्थियों की शिकायतों पर गौर करने के बाद शिकायत निवारण समिति से कहा कि वह छह जून तक अपनी रिपोर्ट दायर करें। इन अभ्यर्थियों ने 13 मई को हुई परीक्षा के बाद शिकायत दर्ज कराई थी।

 

 

फिर से नहीं होगी परीक्षा

बेंच ने याचिका दायर करने वालों की परीक्षा फिर से कराने की मांग को खारिज कर दिया है। बता दें कि इस परीक्षा में करीब 54,000 छात्रों ने हिस्सा लिया है। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज (NUALS) ने प्राइवेट फर्म सिफी टेक्नोलॉजिस लि. की सहायता से इस परीक्षा का आयोजन किया था। इस परीक्षा के बाद देश की छह हाइकोर्ट सहित सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ऑनलाइन परीक्षा में विसंगतियों का आरोप लगाया गया था।

 

कई छात्र नहीं दे पाए थे परीक्षा

CLAT परीक्षा के दौरान बिजली जाने और कंप्यूटर के सही से काम नहीं करने की वजह से हजारों छात्र ठीक से परीक्षा नहीं दे सके थे। इसी समस्या को लेकर छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। क्लैट की परीक्षा रद्द करने और फिर से इसे कराए जाने को लेकर 251 याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि परीक्षा के दौरान कई बार ब्लैंकस्क्रीन सामने आ गई। कई बार सिस्टम हैंग हुए लेकिन इस दौरान टेस्ट टाइमर चलता रहा। इस कारण पूरी परीक्षा पर सवाल खड़े हो गए। मांग की गई कि परीक्षा को फिर से करवाया जाए। जब तक इसका फैसला नहीं होता, परीक्षा का परिणाम और मेरिट सूची जारी करने पर रोक लगाई जाए।

 

 

दिल्ली, चंडीगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि उच्च न्यायालयों में याचिका दी गई थी। इन सभी कोर्ट से परीक्षा को दोबारा करवाने की याचिकाओं पर नोटिस जारी किए गए हैं। छात्रों ने याचिका में देशभर के 200 परीक्षा केंद्रों में आई समस्याओं का ब्योरा भी दिया। उन्होंने दावा किया कि एनएलयू कोच्चि के कुलपति ने खुद माना है कि 1.5 फीसदी छात्रों को परीक्षा के दौरान दिक्कतें आईं। 1.5 प्रतिशत का मतलब 850 छात्र हैं। यह संख्या ही परीक्षा को दोबारा करवाने का ठोस आधार है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 25 मई को छात्रों की समस्या के लिए 2 सदस्यीय कमेटी बनाई थी।

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