तेल के दामों में कमी पर कांग्रेस बोली- मोदी सरकार का फैसला ऊंट के मुंह में जीरे जैसा

तेल के दामों में कमी पर कांग्रेस बोली- मोदी सरकार का फैसला ऊंट के मुंह में जीरे जैसा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-04 19:20 GMT
तेल के दामों में कमी पर कांग्रेस बोली- मोदी सरकार का फैसला ऊंट के मुंह में जीरे जैसा
हाईलाइट
  • कांग्रेस ने पेट्रोल
  • डीजल पर 2.5 रूपये की कटौती पर मोदी सरकार के फैसले को ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया है।
  • कांग्रेस ने ये भी कहा कि भाजपा की राज्य सरकारों ने भी वैट लगाकर इतनी ही रकम जनता से वूसली है।
  • कांग्रेस ने कहा कि सरकार को अब तक 13 लाख करोड़ के फ्यूल लूट का जवाब देना चाहिए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने पेट्रोल, डीजल पर 2.5 रूपये की कटौती पर मोदी सरकार के फैसले को ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया है और कहा है कि सरकार को अब तक 13 लाख करोड़ के फ्यूल लूट का जवाब देना चाहिए। पार्टी ने कहा कि भाजपा की राज्य सरकारों ने भी वैट लगाकर इतनी ही रकम जनता से वसूली है। बता दें कि मोदी सरकार ने 1.5 रुपए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की है जबकि 1 रुपए का भार तेल कंपनियों पर डाला है।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पांच राज्यों में चुनावी हार सामने देख और जनता के भयंकर गुस्से से घबराकर मोदी सरकार ने पेट्रोल, डीजल के कर में दिखावटी कमी की है। उन्होंने कहा कि महंगाई आज हाथी के समान है तो कटौती चींटी के समान है। उन्होने पूछा कि मोदी सरकार ने केन्द्रीय एक्साईज ड्यूटी में पिछले 52 महीने में 12 बार इजाफा क्यों किया?

सुरजेवाला ने कहा कि पेट्रोल, डीजल पर केन्द्रीय कर लगाकर मोदी सरकार ने जहां 13 लाख करोड़ की लूट की है तो वहीं लगभग इतनी ही रकम भाजपा शासित राज्यों ने पेट्रोल, डीजल पर वैट लगाकर कमाए हैं। उन्होंने बताया कि आज पेट्रोल, डीजल की सबसे ज्यादा कीमत भाजपा शासित महाराष्ट्र में है और पेट्रोल पर महाराष्ट्र सरकार ही सबसे ज्यादा 39 प्रतिशत वैट वसूलती है।

सुरजेवाला ने कहा, "न केवल महाराष्ट्र बल्कि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड, असम, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा में भी वैट की औसत दर 28 से 35 प्रतिशत के बीच है। इसका सीधा मतलब है कि दिल्ली में मोदी सरकार लाखों करोड़ों रूपये जनता से लूटती है तो राज्यों में भाजपा की सरकारें भी यही कर रही हैं।" उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस शासित कर्नाटक ने वैट की दर कम की है तो पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और आंध्र प्रदेश की नायडू सरकार ने भी अपने आप वैट में राहत दी है। 

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