जम्मू-कश्मीर के संविधान को SC में चुनौती, राष्ट्रपति के आदेश को रद्द करने की मांग

जम्मू-कश्मीर के संविधान को SC में चुनौती, राष्ट्रपति के आदेश को रद्द करने की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-24 10:15 GMT
जम्मू-कश्मीर के संविधान को SC में चुनौती, राष्ट्रपति के आदेश को रद्द करने की मांग
हाईलाइट
  • मालेगांव विस्फोट के आरोपियों दायर की याचिका
  • राष्ट्रपति के आदेश 1954 को रद्द करने की मांग
  • सुप्रीम कोर्ट में जम्मू और कश्मीर के संविधान को चुनौती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत में आर्टिकल 370 और 35A के बाद अब जम्मू-कश्मीर के संविधान को चुनौती दी गई है। याचिका में भारतीय संसद से अनुच्छेद 370 में संशोधन का हक छीनने वाले राष्ट्रपति के आदेश 1954 को भी रद्द करने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि कोर्ट घोषित करे कि भारतीय संसद को अनुच्छेद 368 के तहत कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को संशोधित करने का अधिकार है।


सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका मालेगांव विस्फोट में आरोपी मेजर रमेश उपाध्याय समेत चार लोगों ने दायर की है।कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर जम्‍मू-कश्‍मीर के संविधान को रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य का संविधान भारतीय नागरिकों के साथ भेदभाव करता है।राष्ट्रपति के आदेश 1954 को भी रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वालों का कहना है कि वे भारत के नागरिक हैं और जम्मू कश्मीर में संपत्ति खरीद कर बसना चाहते हैं लेकिन जम्मू कश्मीर के संविधान और राष्ट्रपति आदेश 1954 के प्रावधान उसमें बाधा बन रहे हैं। याचिका में जम्मू कश्मीर संविधान की धारा 6,7,8,9,10,50 (2), 51 ए,140 और 144 को और भारतीय संविधान में जोड़े गए अनुच्छेद 35ए और 368(2) को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है।

 

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