देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स पर सायबर हमला, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री समेत सोनिया गांधी तक से जुड़ी जानकारी लीक होने का अंदेशा, 4 करोड़ आम मरीज भी निशाने पर!

एम्स पर सायबर हमला देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स पर सायबर हमला, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री समेत सोनिया गांधी तक से जुड़ी जानकारी लीक होने का अंदेशा, 4 करोड़ आम मरीज भी निशाने पर!

Raja Verma
Update: 2022-11-25 09:26 GMT
देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स पर सायबर हमला, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री समेत सोनिया गांधी तक से जुड़ी जानकारी लीक होने का अंदेशा, 4 करोड़ आम मरीज भी निशाने पर!
हाईलाइट
  • अटैक में करीब 4 करोड़ लोगों का डेटा चोरी किया गया है

डिजिटल डेस्क,दिल्ली।  देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दिल्ली एम्स में हैकर ने सायबर अटैक किया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस अटैक में करीब 4 करोड़ लोगों का डेटा चोरी किया गया है। इस सायबर अटैक को देश के मेडिकल सेक्टर में सबसे बड़ी हैकिंग करार दिया गया है। इस सायबर अटैक की वजह से अब करोड़ों मरीजों का डाटा खतरे में आ गया है।

एम्स को बनाया निशाना 

बता दें देश के सबसे बड़े हेल्थकेयर संस्थान में से एक एम्स में देश ही नहीं विदेशों से भी मरीज अपना इलाज कराने आते हैं। जहां पर उनका इलाज कम खर्चों में किया जाता है। 8 साल पहले ही एम्स के डेटा को पूरी तरह से डिजिटल किया गया था। डेटा को डिजिटल किए जाने के बाद कई पूर्व राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, उपराष्ट्रपति, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ ही कई अहम लोग भी इलाज हो चुका है। 

देश के सबसे बड़े अस्पताल दिल्ली एम्स में ransomware attack नाम का एक सायबर हमला हुआ है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में इंटरनेशनल साइबर क्राइम का कनेक्शन होने की आशंका है। साथ ही दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि ये साइबर टेरर से जुड़ा मामला भी हो सकता है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में गुरूवार को ही FIR दर्ज की जा चुकी है।  

बीते दो दिन से की जा रही है जांच 

पिछले दो दिनों से CBI,NIC,IB, DRDO और दिल्ली पुलिस जांच में जुटी हुई है। उधर, AIIMS के दो सिस्टम एनालिस्ट को निलंबित कर दिया गया है।

क्या है ransomware attack?

ransomware एक तरह का मालवेयर या खतरनाक सॉफ्टवेयर है। यह सॉफ्टवेयर विक्टिम के फाइल यानी डेटा तो इनक्रिप्ट करता है और एक रेंमन के लिए यानी उस डेटा को रिस्टोर करने के लिए पूछता है। फार्मा कंपनियां, सर्जिकल इंस्टूमेंट कंपनियों के साथ ही अन्य मेडिकल कंपनियां इस डेटा का फायदा अपने हितों के लिए उठा सकती हैं। सामान्य भाषा में समझें तो हैकर्स इस साइबर अटैक के माध्यम से पहले विक्टिम का डेटा चोरी करते हैं और फिर उसे ही रिस्टोर करने के लिए उनसे ही पैसों की डिमांड करते हैं।


 

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