जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे दीपक कोचर, तब ईडी ने किया गिरफ्तार
जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे दीपक कोचर, तब ईडी ने किया गिरफ्तार
- जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे दीपक कोचर
- तब ईडी ने किया गिरफ्तार
मुंबई, 10 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने वीडियोकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) से अपनी कंपनी के लिए 64 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। इस बीच ईडी का कहना है कि वीडियोकॉन समूह और वेणुगोपाल धूत को 1,730 करोड़ रुपये के ऋण से जुड़े धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में मनी ट्रेल के सवालों से दीपक कोचर बचते रहे।
प्रवर्तन निदेशालय ने दीपक को सोमवार को मुंबई कार्यालय में पूछताछ के कई घंटों के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।
उन्हें मंगलवार को एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 19 सितंबर तक 11 दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया।
जांच से जुड़े ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, सात सितंबर, 2009 को आईसीआईसीआई बैंक ने वीआईईएल को 300 करोड़ रुपये का ऋण दिया था, जिसमें चंदा स्वीकृति समिति की अध्यक्ष थीं।
अधिकारी ने कहा, कर्ज को मंजूरी मिलने के सिर्फ एक दिन बाद आठ सितंबर 2009 को वीआईईएल ने 64 करोड़ रुपये नू पावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटिड (एनआरपीएल) को स्थानांतरित कर दिए, जो कि दीपक की कंपनी है।
इसके अलावा, एनआरएल द्वारा इस भ्रष्ट फंड में से 10.65 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व अर्जित किया गया। इस तरह से 74.65 करोड़ की राशि को एनआरपीएल में स्थानांतरित किया गया।
एनआरपीएल को पहले नू पॉवर रिन्यूएबल्स लिमिटिड (एनआरएल) के तौर पर जाना जाता था और यह दीपक कोचर की कंपनी है।
नू पॉवर रिन्यूएबल्स लिमिटिड (एनआरएल) को अब नू पावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटिड (एनआरपीएल) के नाम से जाना जाता है, जो कि दीपक की कंपनी है।
दीपक नू पॉवर रिन्यूएबल्स के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जिसे दिसंबर 2008 में स्थापित किया गया था।
नू पॉवर रिन्यूएबल्स को वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत परिवार, कोचर और आडवाणी परिवारों के बीच एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइंट वेंचर) के रूप में शुरू किया गया था।
महेश आडवाणी चंदा कोचर के भाई हैं। जब कंपनी की स्थापना की गई थी, तब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक में सीएफओ और संयुक्त प्रबंध निदेशक थीं। नू पावर की स्थापना से पहले दीपक एक वित्तीय सेवा उद्यमी थे। वह 24 दिसंबर 2008 से नू पावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटिड के निदेशक रहे हैं।
ईडी के अधिकारी ने कहा कि दीपक से पहले 12 से अधिक बार पूछताछ करने वाली वित्तीय जांच एजेंसी के अधिकारियों के साथ वह सहयोग नहीं कर रहे थे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
अधिकारी ने कहा, वीआईईएल और धूत के साथ मनी ट्रेल और वित्तीय लेन-देन से जुड़े कई सवालों से दीपक बचते रहे और इस तरह हमें उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा।
अधिकारी ने कहा कि मामले से जुड़े कुछ वित्तीय लेनदेन और मनी ट्रेल को स्पष्ट किया जाना जरूरी था, जिसके कारण ईडी ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग की।
इससे पहले ईडी ने कई मौकों पर चंदा कोचर का बयान भी दर्ज किया था। अधिकारी ने कहा कि दीपक को उनकी पत्नी और वीडियोकॉन समूह की अन्य कंपनियों को ऋण की मंजूरी में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की जा रही है।
ईडी दीपक से इस बारे में भी पूछताछ कर रही है कि क्या उन्होंने ऋण की मंजूरी के लिए अपनी पत्नी से भी बात की थी, जो आईसीआईसीआई बैंक में एक वरिष्ठ कार्यकारी थीं।
एकेके/एएनएम