Delhi Violence: पुलिस ने जमा की चार्जशीट, आरोपियों में येचुरी, योगेंद्र यादव, जयति घोष और अपूर्वानंद जैसे बड़े नाम शामिल  

Delhi Violence: पुलिस ने जमा की चार्जशीट, आरोपियों में येचुरी, योगेंद्र यादव, जयति घोष और अपूर्वानंद जैसे बड़े नाम शामिल  

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-12 18:46 GMT
Delhi Violence: पुलिस ने जमा की चार्जशीट, आरोपियों में येचुरी, योगेंद्र यादव, जयति घोष और अपूर्वानंद जैसे बड़े नाम शामिल  
हाईलाइट
  • उमर खालिद के कहने पर ही पिंजरा तोड़ के सदस्यों ने NRC और CAA के विरोध में प्रदर्शन किए
  • दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 581 लोग घायल हुए थे
  • पूर्व-विधायक मतीन अहमद
  • और विधायक अमानतुल्ला खान का नाम भी शामिल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीएए के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों के मामले में पुलिस ने एडिशनल चार्जशीट दाखिल की है। इसमें आरोपियों में कई बड़े लोगों का नाम शामिल किया गया है। इनमें CPI (M) महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयति घोष, डीयू के प्रोफेसर तथा सामाजिक कार्यकर्ता अपूर्वानंद तथा डॉक्यूमेंट्री मेकर राहुल रॉय को दंगों का सह-षड्यंत्रकारी बताया है। पुलिस ने इन पर प्रदर्शनकारियों को किसी भी हद तक जाने, सीएए-एनआरसी को मुस्लिम विरोधी बताकर लोगों को भड़काने तथा सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए धरना प्रदर्शन आयोजित करने के लिए कहने का आरोपी बनाया है।

दिल्ली पुलिस ने CPI (M) के महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयति घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कार्यकर्ता अपूर्वानंद, और वृत्तचित्र फिल्म निर्माता राहुल रॉय को फरवरी के दिल्ली दंगों में सह-साजिशकर्ता के तौर पर कोर्ट में दाखिल की गई अपनी एडिशनल चार्जशीट में आरोपित किया है। अपने-अपने क्षेत्र के इन प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को तीन महिला छात्राओं जिसमें पिंजरा तोड़ के सदस्य और जेएनयू की छात्रा देवांगना कलिता और नताशा नरवाल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया की गुलफिशा फातिमा के इकबालिया को बयान के आधार पर आरोपी बनाया गया है।

दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 581 लोग घायल हुए थे
यह पूरक आरोप उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23 से 26 फरवरी के बीच हुए दंगों के सिलसिले में दाखिल किया गया है। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 581 जख्मी हुए थे। इनमें से 97 लोग गोली लगने से घायल हुए थे। इन नेताओं तथा अन्य लोगों को जेएनयू छात्रा तथा पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता तथा नताशा नरवाल तथा जमिया की छात्रा गुलफिशा फातिमा के बयानों के आधार पर पूरक आरोप पत्र में आरोपी बनाया गया है। यह बयान जाफराबाद हिंसा के सिलसिले में लिए गए थे और पुलिस के अनुसार वहीं से दंगों की शुरुआत हुई थी। इन छात्राओं में आंतक विरोधी कानून यूएपीए के तहत मुकदमे दर्ज हैं।

आप विधायक अमानतुल्ला खान का नाम भी शामिल
चार्जशीट के मुताबिक देवांगना कलिता ने अपने दिए बयान में कहा है कि उमर ख़ालिद के कहने पर ही दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पिंजरा तोड़ के सदस्यों ने एनआरसी और सीएए के विरोध में प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनों में उमर खालिद की यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ग्रुप और जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी भी पिंजरा तोड़ के सदस्यों के साथ प्रदर्शन में शामिल थी।

हालिया दाखिल की गई चार्जशीट में दावा किया गया है कि येचुरी और योगेंद्र यादव के अलावा, फातिमा के बयान में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट कार्यकर्ता उमर खालिद और मुस्लिम समुदाय के कुछ नेताओं जैसे पूर्व-विधायक मतीन अहमद, और विधायक अमानतुल्ला खान का उल्लेख है। चार्जशीट में येचुरी और योगेंद्र यादव के अलावा, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ग्रुप कार्यकर्ता उमर खालिद और मुस्लिम समुदाय के कुछ नेताओं जैसे पूर्व-विधायक मतीन अहमद, और विधायक अमानतुल्ला खान का नाम भी शामिल है।

योगेंद्र यादव ने कहा- यह गलत है, कोर्ट में स्वीकार नहीं होगा
योगेंद्र यादव ने ट्विटर लिखा, "यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। पूरक चार्जशीट में मुझे सह-साजिशकर्ता या अभियुक्त नहीं बनाया गया है। पुलिस के अपुष्ट बयान में एक अभियुक्त के बयान के आधार पर मेरे और येचुरी के बारे में जिक्र किया गया है, जो अदालत में स्वीकार्य नहीं होगा।"

येचुरी ने कहा- जहरीले भाषणों के वीडियो पर कार्रवाई क्यों नहीं होती
सीताराम येचुरी ने आरोपी बनाए जाने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने शनिवार शाम को 6 ट्वीट किए। उन्होंने कहा, जहरीले भाषणों का वीडियो है, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। दिल्ली पुलिस भाजपा की केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय के नीचे काम करती है। उसकी ये अवैध और गैर-कानूनी कार्रवाई भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के चरित्र को दर्शाती है। वे विपक्ष के सवालों और शांतिपूर्ण प्रदर्शन से डरते हैं और सत्ता का दुरुपयोग कर हमें रोकना चाहते हैं।

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