उप्र में नीट-जीईई पर राजनीतिक स्तर पर अलग-अलग राय

उप्र में नीट-जीईई पर राजनीतिक स्तर पर अलग-अलग राय

IANS News
Update: 2020-08-27 13:30 GMT
उप्र में नीट-जीईई पर राजनीतिक स्तर पर अलग-अलग राय

लखनऊ, 27 अगस्त (आईएएनएस)। शशांक तिवारी दुविधा में हैं। वह नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में शामिल होने और मेडिकल के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए बिल्कुल तैयार थे।

शशांक ने कहा, मैं परीक्षा में भाग लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हं। हालांकि कोरोना के चलते मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं इस साल की परीक्षा में न बैठूं। कोविड-19 के चलते मैं पहले ही अपने दादा और चाचा को खो चुका हूं इसलिए मेरे माता-पिता को इस बार मेरे परीक्षा में बैठने को लेकर ऐतराज था। इस स्थिति की वजह से मैं काफी परेशान हूं।

शशांक के पिता शिवकांत तिवारी कहते हैं, शशांक मेरा इकलौता बेटा है और करियर से जिंदगी ज्यादा मायने रखती है। हमारे परिवार में पहले ही दो लोगों की जान जा चुकी है और मैं अपने बेटे को अपनी जान जोखिम में डालने की इजाजत नहीं दूंगा। अगर सब सही रहा, तो वह अगले साल परीक्षा में शामिल हो सकता है।

सितंबर में आयोजित होने वाले नीट और जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) को लेकर चल रहे विवाद में राजनीतिक टिप्पणियों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है।

केंद्र ने कहा है कि प्रवेश परीक्षाओं में देरी नहीं की जा सकती, क्योंकि कोरोनावायरस व लॉकडाउन के चलते एक पूर्ण शैक्षणिक वर्ष को बर्बाद नहीं किया जा सकता।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का कहना है, केंद्र ने फैसला लिया है और हम इससे पूरी तरह सहमत हैं। लाखों विद्यार्थियों के करियर को खतरे में नहीं डाला जा सकता। हम पूरी सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ परीक्षाएं आयोजित करेंगे।

उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग परीक्षाएं आयोजित करने के पक्ष में हैं, जबकि कुछ ही लोग इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सार्वजनिक परिवहन अभी पूरी तरह से चालू नहीं हुए हैं, ऐसे में विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में काफी दिक्कत होगी।

उन्होंने आगे यह भी कहा, इसके अलावा, अगर कोई छात्र या उसके घरवाले कोरोनावायरस से संक्रमित हो जाते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? लाखों की संख्या में लोगों को परीक्षाएं देने के लिए अपने घरों से बाहर निकलना होगा।

कानपुर में स्टार कोचिंग के मालिक शंकर गुप्ता ने इस मुद्दे पर कहा, विद्यार्थी नीट और जेईई की परीक्षाओं के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं। देश में लॉकडाउन की स्थिति काफी लंबे समय तक बनी रही और अभी भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। परीक्षा को आगे के लिए टाल दिया जाना ही बेहतर है। एक नई तारीख निर्धारित हो ताकि विद्यार्थी खुद को मानसिक रूप से प्रस्तुत कर सकें।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के जारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 1,66,582 विद्यार्थी नीट की परीक्षा में भाग लेंगे।

उत्तर प्रदेश में नीट की ही तरह जीईई (मेन) को भी सितंबर में आयोजित किया जाना है। 66 केंद्रों में 1,00,706 उम्मीदवार इसमें शामिल होंगे।

देश के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए आयोजित नीट का प्रारूप पेन-पेपर पर आधारित होता। इसके लिए 13 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है, जबकि इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए जेईई परीक्षाओं को 1 से 6 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है।

एएसएन/एसजीके

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