DRDO ने किया ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण, 290 किमी है स्ट्राइक रेंज

DRDO ने किया ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण, 290 किमी है स्ट्राइक रेंज

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-30 11:43 GMT
DRDO ने किया ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण, 290 किमी है स्ट्राइक रेंज
हाईलाइट
  • DRDO ने ओडिशा के तट से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया
  • आईटीआर
  • चांदीपुर से सुबह 10.20 बजे ये परीक्षण किया गया
  • ब्रह्मोस में इंडियन प्रोपल्शन सिस्टम
  • एयरफ्रेम
  • पावर सप्लाई और अन्य प्रमुख स्वदेशी कंपोनेंट लगे हैं

डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को ओडिशा के तट से 290 किलोमीटर स्ट्राइक रेंज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। आईटीआर, चांदीपुर से सुबह 10.20 बजे ये परीक्षण किया गया। ब्रह्मोस में इंडियन प्रोपल्शन सिस्टम, एयरफ्रेम, पावर सप्लाई और अन्य प्रमुख स्वदेशी कंपोनेंट लगे हैं। वर्तमान में भारत और रूस इस मिसाइल की मारक दूरी बढ़ाने के साथ इसे हाइपरसोनिक गति पर उड़ाने पर काम कर रहे हैं।

 

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल मिशन के लिए टीम डीआरडीओ, ब्रह्मोस और इंडस्ट्रीज को बधाई दी। रक्षा विभाग के सचिव, आर एंड डी और डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी और डीजी एमएसआर प्रसाद ने भी सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी। डीजी (ब्रह्मोस) डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा, डायरेक्टर डीआरडीएल डॉ. दशरथ राम और डॉ. बीके दास डायरेक्टर आईटीआर ने लॉन्च साइट पर पूरे मिशन को समन्वित किया और देखा। उन्होंने सफल उड़ान परीक्षण को भारत की "मेक इन इंडिया" क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया।

बता दें कि ब्रह्मोस कम दूरी की रैमजेट इंजन युक्त, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। 8.4 मीटर लंबी और 0.6 मीटर चौड़ी यह मिसाइल 300 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम है। इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की गति ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक है। ब्रह्मोस मिसाइल को दिन - रात और हर मौसम में दागा जा सकता है। इस मिसाइल की मारक क्षमता अचूक है।

भारत और रूस आने वाले दिनों में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की रेंज को 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 600 किलोमीटर करने की दिशा में काम करेंगे। इससे न केवल पूरा पाकिस्तान इस मिसाइल की जद में होगा बल्कि कोई भी टारगेट पलभर में इस मिसाइल से तबाह किया जा सकेगा।

 

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