Elephant Death: पर्यावरण मंत्रालय ने कहा- केरल में हथिनी ने गलती से पटाखे से भरा फल खाया होगा

Elephant Death: पर्यावरण मंत्रालय ने कहा- केरल में हथिनी ने गलती से पटाखे से भरा फल खाया होगा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-08 07:59 GMT
Elephant Death: पर्यावरण मंत्रालय ने कहा- केरल में हथिनी ने गलती से पटाखे से भरा फल खाया होगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल में गर्भवती हाथी की मौत को लेकर देशभर में मचे बवाल के बीच पर्यावरण मंत्रालय का एक बयान सामने आया है। सोमवार को पर्यावरण मंत्रालय ने कहा, "प्राथमिक जांच में सामने आया है कि हाथी ने गलती से पटाखे से भरा फल खा लिया होगा। कई बार स्थानीय लोग जंगली सूअर को खेतों में प्रवेश करने से रोकने के लिए विस्फोटक से भरे फलों का सहारा लेते हैं जोकि अवैध है"। पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लोगों से सोशल मीडिया अफवाहों पर विश्वास न करने का अनुराध भी किया है।

इलाके में काफी प्रचलित है "पन्नी पड़कम"
बता दें कि अनानास या मीट में हल्के विस्फोटक पैक करके जानवरों को खेतों में आने से रोकना केरल के स्थानीय इलाक़ों में काफ़ी प्रचलित है। इसे मलयालम में "पन्नी पड़कम" कहा जाता है जिसका मतलब है "पिग क्रैकर"। ये विस्फोटक स्थानीय स्तर पर ही बनाई गई सामग्री या त्योहारों में इस्तेमाल होने वाले पटाख़ों से तैयार किया जाता है। केरल में साइलेंट वैली के हाथी ने भी पटाखों से भरा अनानस खा लिया था, जिसके बाद 27 मई को वेल्लियार नदी में उसकी मौत हो गई थी। 

हाथी का जबड़ा टूट गया था
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि वो हाथी गर्भवती थी और मुंह में पटाखा फटने के कारण उसका जबड़ा टूट गया था। कई दिनों तक हथिनी नदी में मुंह और सूंड को दबाकर खड़ी रही। शायद असहनीय दर्द से राहत पाने के लिए उसने ऐसा किया था। दिल को दहला देने वाली यह घटना एक वन अधिकारी मोहन कृष्णन के फेसबुक पोस्ट के चलते सामने आई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही थी। एक व्यक्ति को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।

मालले की प्रगति को लेकर अधिकारियों की बैठक
मंत्रालय ने रविवार को इस मामले में प्रगति पर चर्चा के लिए कई अधिकारियों के साथ एक बैठक की। समीक्षा बैठक वन महानिदेशक संजय कुमार और मंत्रालय में विशेष सचिव (DGF SS) की अध्यक्षता में हुई। DGF SS के अलावा, बैठक में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के एक अधिकारी, वन्यजीव महानिरीक्षक, पर्यावरण मंत्रालय, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के अतिरिक्त निदेशक और एलिफेंट सेल के वैज्ञानिक शामिल थे। हालांकि मीटिंग की जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।

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