तेज रफ्तार वाहन हर रोज लेते हैं 56 पैदल भारतीयों की जान

तेज रफ्तार वाहन हर रोज लेते हैं 56 पैदल भारतीयों की जान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-01 03:57 GMT
तेज रफ्तार वाहन हर रोज लेते हैं 56 पैदल भारतीयों की जान
हाईलाइट
  • 2017 में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा 3507 मौतें तमिलनाडु में हुई
  • महाराष्ट्र में 1831 लोगों को अपनी जान सड़क हादसों में गवानी पड़ी
  • सड़क हादसों में हर रोज मारे जाते हैं 56 पैदल यात्री

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में रोजाना 56 पैदल यात्री सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं। भारत सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की माने तो 2014 में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या 12,330 थी जो 2017 तक बढ़कर 20,457 हो गई है। आंकड़ों से एक बात तो साफ होती है कि भारत की सड़कें पैदल चलने वालों के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। वहीं साइकल और बाइक सवार भी इसी श्रेणी में शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, 2017 में सड़क हादसों में कुल 133 मोटर बाइक सवार और 10 साइकल सवारों की मौत हुई है।

तामिलनाडु में सबसे ज्यााद मौते
राज्यों के आंकड़ो पर नजर डाली जाए तो गत वर्ष सड़क हादसों में सबसे ज्यादा 3507 मौतें तमिलनाडु में हुई हैं। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां 1831 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है। आंध्र प्रदेश में 1379 लोगों की मौत हुई है। वहीं बाइक सवारों की मौत के मामले में भी तामिलनाडु 6329 के साथ पहले स्थान पर है, इसके बाद महाराष्ट्र 4569 के साथ दूसरे नंबर पर है। 

विदेशों में भी होते हैं कई सड़क हादसे 
इंटरनेशनल रोड फाउंडेशन के अधिकारी केके कपिला ने बताया कि दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में सुरक्षित सड़कें न होने के कारण लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है। इसलिए जरूरी है कि इसका कोई उपाय निकाला जाए ताकि पैदल यात्री, साइकल सवार और बाइक पर चलने वाले भी सड़क पर सुरक्षित और बिना किसी डर के यात्रा कर सकें। वहीं पैदल यात्रियों को अन्य लोगों से अलग रखा जाना चाहिए। दुनिया के अन्य देशों में भी हर साल हजारों लोगों की जान सड़क हादसों में जाती है। 

 

 

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