मिसाल : किसान की बेटी गंगोत्री ने ISRO तक लगाई छलांग

मिसाल : किसान की बेटी गंगोत्री ने ISRO तक लगाई छलांग

Anita Peddulwar
Update: 2018-03-03 10:35 GMT
मिसाल : किसान की बेटी गंगोत्री ने ISRO तक लगाई छलांग

डिजिटल डेस्क,  रावणवाड़ी (गोंदिया) । छोटे से गांव के किसान की बेटी ने इसरो में छलांग लगाई है।  गोंदिया तहसील के चारगांव (रावणवाड़ी) निवासी मधुसूदन नागपुरे की बेटी गंगोत्री ने बिना ट्यूशन के हर साल अव्वल रही है । अब वह  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में इंजीनियर के रूप में काम करेगी।

बिना कोचिंग के पाई सफलता
गांव में शुरुआती पढ़ाई करने के बाद गंगोत्री ने अपनी अगामी शिक्षा गोंदिया के मनोहरभाई पटेल इन्स्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (एमआईईटी) से पूरी की। उसने इलेक्ट्रानिक विषय में बीई की डिग्री हासिल की है। बाद में उसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में नौकरी के लिए आवेदन किया एवं स्पर्धा परीक्षा में सम्मिलित हुई। जहां उसका इंजीनियरिंग की नौकरी के लिए चयन हो गया है। 29 मार्च 1995 को एक छोटे से कस्बे में जन्म लेनेवाली गंगोत्री नागपुरे ने अंतरिक्ष अनुसंधान विभाग में नौकरी प्राप्त कर अपने परिवार एवं जिले को गौरवान्वित किया है। वहीं दूसरी ओर जिले के अपने ही जैसे अनेकों विद्यार्थियों के समक्ष एक मिसाल भी कायम की है। इसरो में चयन के बाद उसे बधाई देने वालों को तांता लग गया है। 

इंजीनियर के रूप में चुनीं गईं
गंगोत्री नागपुरे ने दैनिक भास्कर से चर्चा में बताया कि उसने पूर्व माध्यमिक केंद्रीय स्कूल रावणवाड़ी में कक्षा पहली से सातवीं तक पढ़ाई की। उसके बाद 8 वीं से 12 वीं तक की पढ़ाई जीईएस हाईस्कूल रावणवाड़ी में ही की है। उसके दादाजी फागुजी नागपुरे व पिता मधुसूदन नागपुरे के मार्गदर्शन में वह हमेशा पढ़ाई के प्रति सजग रही। उसे विभिन्न विषयों की पत्रिकाएं व पुस्तकें पढऩे का शौक शुरू से ही था। दादा सेवानिवृत्त जिला परिषद के शिक्षक होने की वजह से उसे उनसे पढ़ाई की प्रेरणा मिलती थी। एमआईईटी गोंदिया से वर्ष 2016 में इलेक्ट्रानिक में बीई करने के बाद उसने वर्ष 2017 में इसरो की स्पर्धा परीक्षा में भाग लिया। 5 दिसंबर 2017 को उसका चयन अभियंता के तौर पर हुआ है। वह इसरो में इलेक्ट्रानिक साइंटिस्ट के रूप में कार्य करेंगी। गंगोत्री जिले की प्रथम छात्रा है जिसे इसरो में सेवा करने का अवसर मिला है। सबसे बड़ी बात यह है कि उसने बिना किसी कोचिंग के केवल दादा तथा पिता के मार्गदर्शन में यह कामयाबी हासिल की है। गंगोत्री की सफलता की जानकारी मिलने पर जीईएस हाईस्कूल रावणवाड़ी में गुरुजनों ने उसे आमंत्रित किया एवं उसका अभिनंदन किया। साथ ही विद्यार्थियों को उसकी सफलता के विषय में जानकारी दी एवं उन्हें भविष्य में गंगोत्री से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। 

Similar News