सुखोई से किया आवाज से 3 गुना रफ्तार वाले ब्रह्मोस का परीक्षण

सुखोई से किया आवाज से 3 गुना रफ्तार वाले ब्रह्मोस का परीक्षण

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-22 09:47 GMT
सुखोई से किया आवाज से 3 गुना रफ्तार वाले ब्रह्मोस का परीक्षण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रह्मोस सुपरसॉनिक मिसाइल का बुधवार को लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई से पहला सफल परीक्षण कर भारत ने इतिहास रच दिया है। आवाज की गति से करीब तीन गुना अधिक गति से हमला करने में सक्षम है यह मिसाइल। इस सफल परीक्षण की पुष्टि बुधवार को खुद रक्षा मंत्रालय ने की।

 

 

 

 

एक बयान में बताया गया कि मिसाइल को सुखोई-30-एमकेआई विमान के फ्यूजलेज से गिराया गया। दो चरणों में काम करने वाली मिसाइल का इंजन चालू हुआ और वह बंगाल की खाड़ी में स्थित अपने टारगेट की तरफ बढ़ गई। इसके साथ ही हवा में भारत के लड़ाकू अभियान के लिहाज से इस कदम को मील का पत्‍थर माना जा रहा है।

मंत्रालय का कहना है कि इस परीक्षण से भारतीय वायुसेना की हवाई युद्ध की ऑपरेशनल क्षमता खासी बढ़ जाएगी। इस अभियान के तहत सुखोई-30 एमकेआई एयरक्राफ्ट से ढाई टन वजनी ब्रह्मोस एएलसीएम मिसाइल का परीक्षण किया गया। वैसे अब ब्रह्मोस को जमीन, समुद्र तथा हवा से चलाया जा सकता है। 

ब्रह्मोस भारत और रूस के संयुक्‍त उपक्रम का नतीजा है। इसको डीआरडीओ और रूस की एनपीओएम ने विकसित किया है। इस मिसाइल का नाम ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्‍कवा नदी के नाम पर रखा गया है।

हाइपरसोनिक वर्जन की तैयारियां शुरू


जून 2016 में भारत के 34 देशों के संगठन मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम का हिस्सा बनने के बाद अब मिसाइलों की रेंज की सीमा भी अब खत्म हो चुकी है। ऐसे में अब सशस्त्र बल ब्रह्मोस के 450 किलोमीटर रेंज तक मार करने वाले वर्जन के परीक्षण की तैयारी में हैं। एमटीसीआर की सदस्यता मिलने के बाद भारत 300 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइलों को तैयार करने में सक्षम होगा। फिलहाल ब्रह्मोस मिसाइल के हाइपरसोनिक वर्जन को तैयार करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं, जो माक 5 की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम होगी। 

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