मंत्रालय में वंदे मातरम न गाने पर घमासान, शिवराज ने की कांग्रेस इसे दोबारा शुरू करने की मांग
मंत्रालय में वंदे मातरम न गाने पर घमासान, शिवराज ने की कांग्रेस इसे दोबारा शुरू करने की मांग
- कमलनाथ सरकार के इस फैसले पर बवाल मचने के बाद आदेश को होल्ड कर दिया गया है।
- पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार से इसे दोबारा शुरू करने की मांग की है।
- मध्य प्रदेश में 13 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि महीने की पहली तारीख पर मंत्रालय पार्क में वंदे मातरम नहीं गाया गया हो।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में 13 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि महीने की पहली तारीख पर मंत्रालय पार्क में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम नहीं गाया गया हो। कमलनाथ सरकार के इस फैसले पर बवाल मचने के बाद आदेश को नए तरीके से लागू करने के लिए इस फैसले को होल्ड कर दिया गया है। सीएम कमलनाथ ने कहा कि जो लोग वंदे मातरम नहीं सुनते वे देशभक्त नहीं हैं क्या? वहीं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार से इसे दोबारा शुरू करने की मांग की है। बता दें कि 2005 में जब बाबूलाल गौर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने इस प्रथा को शुरू किया था।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, सचिवालय में आज वंदे मातरम नहीं गाया गया। यह ऐसा मंत्र है जो देशभक्ति की भावना पैदा करता है और इसलिए भाजपा सरकार ने फैसला किया था कि हम इसके साथ साप्ताहिक कैबिनेट बैठकें शुरू करेंगे और इसे वल्लभ भवन (सचिवालय) के पार्क में हर महीने की पहले तारीख को गाया जाएगा। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस ने इस परंपरा को समाप्त कर दिया। मैं कांग्रेस सरकार से मांग करता हूं कि वे इसे फिर से शुरू करें और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो मैं वल्लभ भवन में देशभक्तों के साथ गाऊंगा। मैंने तय किया है कि मैं 6 जनवरी को सुबह 11 बजे परिसर में वंदे मातरम गाऊंगा।
बता दें कि बीजेपी वंदे मातरम को लेकर कांग्रेस को घेरती रही है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि यह किसी धर्म से जुड़ा हुआ नहीं हो सकता है, लेकिन कांग्रेस ने गीत पर प्रतिबंध लगाकर इसको धर्म से जोड़ दिया। यह कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति का हिस्सा था। मध्य प्रदेश में कांग्रेस 15 सालों बाद सत्ता में लौटी है और कमलनाथ CM बने हैं। कांग्रेस ने सूबे में सरकारी कैंपस में लगने वाले RSS की शाखा को बंद करने की भी बात कही है। कांग्रेस का कहना है कि सरकारी अधिकारी भी RSS के कार्यक्रम में भाग नहीं ले पाएंगे।