बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर संकट के बादल, गोदरेज ग्रुप पहुंचा हाईकोर्ट
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर संकट के बादल, गोदरेज ग्रुप पहुंचा हाईकोर्ट
- अधिग्रहण के खिलाफ गोदरेज ग्रुप ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
- बुलेट ट्रेन अहमदाबाद- मुंबई के बीच चलाए जाने की योजना है।
- मोदी सरकार के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर संकट के बादल।
- सरकार ने विक्रोली में गोदरेज ग्रुप की जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा है।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी मेट्रो परियोजना के सामने गोदरेज ग्रुप ने नई समस्या खड़ी कर दी है। बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहाण के खिलाफ ग्रुप ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल सरकार ने अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए विक्रोली इलाके में गोदरेज ग्रुप की जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा है। जमीन अधिग्रहण पर आपत्ति जताते हुए गोदरेज ग्रुप ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 31 जुलाई को इस मामले में सुनवाई की जा सकती है।
दरअसल गोदरेज समूह ने अपनी याचिका में विक्रोली इलाके में जमीन अधिग्रहण को लेकर आपत्ति जताई है। याचिका में मांग की गई है कि बुलेट ट्रेन के रास्ते में बदलाव किया जाए, जिससे समूह की 8.6 एकड़ जमीन बच जाए। गोदरेज समूह इस जमीन का इस्तेमाल अपने इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए करना चाहता है। इसलिए बुलेट ट्रेन के लिए उसकी जमीन का अधिग्रहण न किया जाए।
मुंबई- अहमदाबाद के बीच बन रहे 508.17 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक का 21 किलोमीटर भाग अंडरग्राउंड होगा। याचिका के मुताबिक बुलेट ट्रेन के अंडरग्राउंड ट्रैक का एक प्रवेश द्वार विक्रोली इलाके में पड़ रहा है। जहां गोदरेज ग्रुप की जमीन है। वहीं किसान और आदिवासी पहले से ही इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। गुजरात के चार किसानों ने भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की हुई है।
पिछले साल सितंबर में पीएम मोदी ने जापान के पीएम शिंजो अबे के साथ अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। देश की पहली बुलेट ट्रेन साढ़े तीन सौ किलोमीटर की स्पीड से चलेगी। इससे अहमदाबाद से मुंबई का सफर तीन घण्टे में तय किया जा सकेगा। सफर के दौरान ट्रेन 12 स्टेशन पर रुकेगी जिनमें से चार महाराष्ट्र में हैं। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2022 तक का लक्ष्य रखा गया है।