Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-25 18:51 GMT
हाईलाइट
  • NIA और ED मिलकर ऐसे अलागवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
  • राज्यपाल शासन लगने के बाद सरकार अलगाववादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है।
  • सरकार टैरर फंडिंग और मनी लॉड्रिंग में शामिल अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में सेना जहां आतंवादियों के सफाए के लिए ऑपरेशन ऑलआउट चला रही है तो वहीं अब राज्यपाल शासन लगने के बाद सरकार अलगाववादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सरकार टैरर फंडिंग और मनी लॉड्रिंग में कथिततौर पर शामिल अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में इस पर चर्चा हुई है। बैठक में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक योगेश चंदर मोदी, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक करनाल सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। 

NIA और ED मिलकर करेंगे कार्रवाई
अधिकारियों ने बैठक के बाद बताया कि NIA और ED मिलकर ऐसे अलागवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। बता दें कि घाटी में कथिततौर पर टेरर फंडिंग के एक मामले में NIA ने पहले ही दिल्ली कोर्ट में आतंकवादी हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन समेत 10 कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। फाइनल रिपोर्ट में हुर्रियत लीडर सैयद शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह, गिलानी के निजी सहायक बशीर अहमद, आफताब अहमद शाह, नईम अहमद खान और फारूक अहमद डार आदि के नाम शामिल हैं।

अलगाववादी को पुलिस ने लिया था हिरासत में
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद इंडियन आर्मी और पुलिस एक्शन में आ गई है। पुलिस ने भी अलगाववादियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है। इसी कार्रवाई के तहत हाल ही में श्रीनगर पुलिस ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चीफ यासीन मलिक को पुलिस ने हिरासत में लिया था। यासीन ने  घाटी में बंद बुलाया था। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और अलगाववादियों पर एक्शन लेते हुए उन्हें नजरबंद या फिर गिरफ्तार भी किया जा सकता है। मालूम हो कि राज्य में 20 जून से राज्यपाल शासन लागू हुआ है।

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