योगी सरकार की शिवपाल पर मेहरबानी, दिया मायावती का पुराना बंगला

योगी सरकार की शिवपाल पर मेहरबानी, दिया मायावती का पुराना बंगला

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-12 10:35 GMT
योगी सरकार की शिवपाल पर मेहरबानी, दिया मायावती का पुराना बंगला
हाईलाइट
  • कभी मायावती को अलॉट था ये बंगला
  • मायावती के पड़ोसी हो गए हैं शिवपाल
  • मेहरबानी के निकाले जा रहे सियासी मायने

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। योगी सरकार ने सपा से बगावत कर समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने वाले शिवपाल यादव पर मेहरबानी दिखाई है। उत्तर प्रदेश के संपत्ति विभाग ने शिवपाल यादव को नया बंगला आवंटित किया है। ये बंगला कभी उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती का ऑफिस हुआ करता था। मायावती सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते इस बंगले को छोड़कर इससे सटे दूसरे बंगले में शिफ्ट हो गई हैं। मयावती के पुराने बंगले को अब शिवपाल के नाम से आवंटित कर दिया गया है। एक हिसाब से अब शिवपाल यादव,मायावती के पड़ोसी भी हो गए हैं। 

प्रशासन की इस मेहरबानी के अब सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। बता दें कि शिवपाल को सरकारी बंगला एलबीएस-6 दिया गया है। ये बंगला शिवपाल को विधायक होने के नाते दिया गया है। बंगला आवंटित होने के बाद फौरन शिवपाल बंगले में गए और वहां का निरीक्षण भी किया। कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल इस बंगले में अपना पार्टी दफ्तर भी बना सकते हैं। 

बता दें कि शिवपाल की नई पार्टी के गठन के पीछे भी भाजपा का हाथ बताया जा रहा है। कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शिवपाल को सलाह दी थी कि वो अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर लें। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव भी शिवपाल पर भाजपा की कठपुतली होने का आरोप लगा चुके हैं। माना जा रहा है कि सरकार अखिलेश के खिलाफ शिवपाल को खड़ा कर 2019 का चुनाव जीतने का प्लान बना रही है, इसलिए ही वह उन पर मेहरबानी भी दिखा रही है। 

इससे पहले मायावती ने 6 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर अपने नाम आवंटित बंगला छोड़ दिया था। मायावती ने आरोप लगाया था कि राज्य संपत्ति विभाग बंगले की चाबी रिसीव नहीं कर रहा था, लिहाजा उन्हें स्पीड पोस्ट से चाबी भेजनी पड़ी। इससे पहले राज्य संपत्ति विभाग ने 13 मॉल एवेन्यू को खाली करने का नोटिस दिया था, क्योंकि यही बंगला मायावती के नाम से आवंटित था। इसके बाद मायावती ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर अपने कार्यकाल के दौरान लिए गए कैबिनेट फैसलों का हवाला दिया था। वहीं मायावती ने 2011 का एक शासनादेश दिखाते हुए दावा किया था कि 13 मॉल एवेन्यू चूकवश उनके सरकारी बंगले के तौर पर लिखा गया, जबकि ये बंगला काशीराम स्मारक के नाम से अलॉट किया गया है। 

मायावती 13 मॉल रोड छोड़कर पास में ही बने निजी मकान 9 मॉल रोड में शिफ्ट हो गईं थीं। अपने कार्यकाल के दौरान ही मायावती ने 9 मॉल रोड का यह बंगला खरीदा था और इसे भी उसी लाल पत्थरों से बनवाया था, जिस लाल पत्थरों से स्मारक बनवाने के लिए वह जानी जाती हैं।

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