मां दुर्गा पर भी इस साल जीएसटी का असर, साड़ी-औज़़ार और श्रृंगार सब महंगे

मां दुर्गा पर भी इस साल जीएसटी का असर, साड़ी-औज़़ार और श्रृंगार सब महंगे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-02 12:09 GMT
मां दुर्गा पर भी इस साल जीएसटी का असर, साड़ी-औज़़ार और श्रृंगार सब महंगे

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल समेत देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाए जाने वाले सबसे बड़ा त्योहार दुर्गा उत्सव दस्तक देने ही वाला है। लेकिन कोलकाता के मशहूर कुमारटुली के मूर्तिकारों में उदासीनता छाई हुई है। कारण जुलाई में लागू हुआ वस्तु एवं सेवाकर (GST) है, जो इन मूर्तिकारों के लिए अभिशाप बन गया है।

मूर्ति खरीददारों का बजट गड़बड़ाया

कुमारटुली मूर्ति शिल्प संस्कृति समिति के प्रवक्ता बाबू पाल ने कहा है कि यह GST अभी तक स्पष्ट नहीं है। नकली बाल, काजल, एल्युमिनियम और स्टील से बने औजार तथा साड़ी जैसे सामान की कीमतें बढ़ गई है। GST में भ्रम के कारण दुर्गा मूर्तियों के खरीददारों का बजट भी कम हो गया है। मूर्ति बनाने वालों ने बताया कि उनके लिए नई कर प्रणाली GST को समझाना और लागू करना मुश्किल है, जिससे उनके और उपभोक्ताओं के बीच काफी भ्रम पैदा हो गया है।

19वीं सदी से चला आ रहा कुमारटुली का अस्तित्व

कोलकाता के उत्तरी हिस्से में हुगली नदी के किनारे बसी मिट्टी के सामान बनाने वाले लोगों की कॉलोनी कुमारटुली का अस्तित्व 19वीं सदी का है। उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियों की ना केवल कोलकाता में पूजा की जाती है, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी इनकी बनाई मूर्तियों की पूजा की जाती है। इन्हें ना केवल मिट्टी की मूर्तियां बनाने में महारत है, बल्कि कपड़े की मूर्तियां बनाने में भी इनका कोई जवाब नहीं। कपड़े की मूर्तियों को ज्यादातर विदेशों में भेजा जाता है।

नोटबंदी के बाद GST की दोहरी मार

मूर्तियां बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल का कारोबार करने वाले रणजीत सरकार ने कहा, नोटबंदी के कारण पिछले साल हमें मुश्किल वक्त का सामना करना पड़ा। इस बार GST हमारे कारोबार पर भारी पड़ रहा है और वो भी हमारे कारोबार के अहम समय पर। नोटबंदी के बाद GST लागू करना हमारे इस छोटे से व्यापार पर दोहरी मार है।

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