हरियाणा विधानसभा चुनाव: ऐसा है JJP के 'जननायक' दुष्यंत चौटाला का सफर

हरियाणा विधानसभा चुनाव: ऐसा है JJP के 'जननायक' दुष्यंत चौटाला का सफर

Manmohan Prajapati
Update: 2019-10-26 08:59 GMT
हरियाणा विधानसभा चुनाव: ऐसा है JJP के 'जननायक' दुष्यंत चौटाला का सफर

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम में बीजेपी और कांग्रेस के बाद बराबरी पर रहने वाली पार्टी जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) रही। जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गठबंधन कर लिया है। चाबी निशान वाली जेजेपी के अध्यक्ष और संस्थापक हैं दुष्यंत चौटाला। जिन्होंने करीब 10 महीने पहले जननायक जनता पार्टी के नाम से अपनी नई पार्टी बनाई थी। आइए एक नजर में जानते हैं जेजेपी जननायक का सफर...

राजनीतिक और पारिवारिक बैकग्राउंड
पिछले साल दिसंबर में बनी जेजेपी की पार्टी को भले की कम समय हुआ हो, लेकिन आज हरियाणा विधानसभा चुनाव में यह तीसरी प्रमुख पार्टी बनकर उभर रही है। इस पार्टी के जननायक दुष्यंत चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते और देवीलाल चौटाला के पड़पोते हैं। बता दें कि देवीलाल हरियाणा के पहले नेता हैं जो देश के उप-प्रधानमंत्री बने थे।

दुष्यंत के पिता अजय सिंह चौटाला इंडियन नेशनल लोकदल के वरिष्‍ठ नेता हैं। वो सांसद भी रह चुके हैं। वहीं दुष्यंत की मां नैना सिंह चौटाला एक अच्छी नेता और निशानेबाज भी रही हैं। वे शूटिंग में इंटर यूनिवर्सिटी में टीम का प्रतिनिधित्‍व कर चुकी हैं। दुष्यंत की पत्नी मेघना अहलावत आईजी परमजीत सिंह अहलावत की बेटी हैं, जो MBA पास आउट हैं। जबकि उनके भाई दिग्विजय भी राजनीति में करियर बना चुके हैं।

जब हाथ में आई INLD की कमान
दुष्यंत का जन्म 3 अप्रैल 1988 को अजय चौटाला और नैना चौटाला के घर हुआ। उनका पारिवारिक बैकग्राउंड राजनीतिक है, लेकिन वर्ष 2013 में चौटाला परिवार में फूट की शुरुआत हुई। इसके बाद इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) की कमान अभय चौटाला के हाथ में आ गई। 

दुष्यंत बने सबसे युवा सांसद
वर्ष 2014 के चुनाव में अजय चौटाला के बड़े बेटे दुष्यंत चौटाला राजनीति में आए। 2014 के लोकसभा चुनाव में दुष्यंत हिसार हरियाणा जनहित कांग्रेस (भजनलाल) के कुलदीप बिश्नोई को हराकर सबसे युवा सांसद बने। इसके लिए उन्होंने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। इसके बाद 2018 में पार्टी में पूरी तरह से फूट देखने को मिली।

यहां से हुई जेजेपी की शुरुआत
ओमप्रकाश चौटाला ने अजय के दोनों बेटों दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से बाहर निकाल दिया। इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) से निष्कासित होने के बाद उन्होंने 9 दिसंबर, 2018 को जेजेपी का गठन किया था। कुछ समय के लिए आम आदमी पार्टी से लेकर बहुजन समाज पार्टी भी साथ आए लेकिन, साथ छूट गया। 

जेजेपी ने गाढ़े सफलता के झंडे
जेजेपी को शुरुआत में हार का सामना करना पड़ा और विपक्षी पार्टियों ने उन्हें हल्के में लिया। लेकिन जेजेपी के जननायक दुष्यंत चौटाला ने हार नहीं मानी और इस विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने अपनी सफलता के झंडे गाढ़ दिए। इस चुनाव में जेजेपी दूसरे नंबर की पार्टी रही, जिसके हाथ में सत्ता की चाबी है और आखिरकार भाजपा ने अपनी सरकार बनाने जेजेपी से गठबंधन कर लिया। 

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