हाथरस मामला : यूपी की जेल में बंद 4 पीएफआई सदस्यों से ईडी करेगी पूछताछ

हाथरस मामला : यूपी की जेल में बंद 4 पीएफआई सदस्यों से ईडी करेगी पूछताछ

IANS News
Update: 2020-10-12 14:00 GMT
हाथरस मामला : यूपी की जेल में बंद 4 पीएफआई सदस्यों से ईडी करेगी पूछताछ
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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में हाथरस जा रहे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कथित चार सदस्यों को मथुरा से गिरफ्तार किया था। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनसे जेल में जाकर पूछताछ करने वाली है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने पिछले सोमवार की रात मथुरा से चार लोगों को उस समय गिरफ्तार किया था, जब वे दिल्ली से हाथरस जा रहे थे। वे कथित तौर पर पीएफआई और उसके सहयोगी संगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से जुड़े हुए हैं।

इन चारों की पहचान मुजफ्फरनगर के अतीक-उर रहमान, बहराइच के मसूद अहमद, रामपुर के आलम और केरल में मलप्पुरम के पत्रकार सिद्दीकी के रूप में हुई है।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके मोबाइल फोन, लैपटॉप और कुछ महत्वपूर्ण कागजात भी जब्त किए हैं। पुलिस ने उनसे ऐसी सभी सामग्री जब्त की है, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति पर असर पड़ सकता था।

ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी पिछले कुछ वर्षो से पीएफआई की भूमिका की जांच कर रही है, जिसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) में शामिल होने और पिछले साल फरवरी में उत्तरी दिल्ली में हुई हिंसा का मामला शामिल है।

अधिकारी ने कहा कि एजेंसी जल्द ही मथुरा जेल का दौरा करेगी और उनके बयान दर्ज करेगी।

अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया गया है और अब केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी उनसे पूछताछ करेंगे कि क्या इस मामले में कोई मनी लॉन्ड्रिंग तो नहीं हुई है।

जब अधिकारी से यह पूछा गया कि क्या ईडी उनके खिलाफ पीएमएलए के तहत एक नया मामला दर्ज करेगी, तो अधिकारी ने इस पर कुछ नहीं कहा।

अधिकारी ने कहा कि अगर पीएफआई ने हाथरस की 19 वर्षीय दलित लड़की की मौत के बाद उपद्रव में लिप्त लोगों को धन या अन्य सहायता दी है तो एजेंसी जांच करेगी।

कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई हाथरस की लड़की की 29 सितंबर को दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई थी।

इससे पहले, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने नागरिक कानूनों के खिलाफ राज्य में हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए पीएफआई को दोषी ठहराया था।

एकेके/एसजीके

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