दिल्ली HC का फैसला: 16 हजार पेड़ काटने पर फिलहाल रोक

दिल्ली HC का फैसला: 16 हजार पेड़ काटने पर फिलहाल रोक

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-25 02:29 GMT
हाईलाइट
  • कोर्ट के सामने एनबीसीसी रखेगा अपना पक्ष
  • दिल्ली हाईकोर्ट में पेड़ों की कटाई को लेकर होगी सुनवाई
  • सरकारी आवास के लिए काटे जा रहे हैं पेड़

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकारी आवासों के निर्माण के लिए नॉर्थ दिल्ली में करीब 16 हजार पेड़ काटे जाने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। केन्द्र से इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद 16 हजार पेड़ काटे जाने थे। पर्यावरण एक्टिविस्ट डॉ कौशल कांत मिश्र ने इस पूरे मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में पेड़ न काटे जाने को लेकर अर्जी दाखिल की थी। आज फिर इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एनबीसीसी के पक्ष को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए 4 जुलाई तक पेड़ो की कटाई पर रोक लगा दी।

 

 

 

 


बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने आवास और पर्यावरण मंत्रालय के साथ एनबीसीसी, सीपीडब्यूडी और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को नोटिस भेजा था। डॉ कौशल कांत मिश्र ने जो अर्जी दायर की है उसमें कहां गया है कि जहां पड़े काटने हैं वो कॉलोनियां है सरोजनी नगर, नौरोजी नगर, नेताजी नगर, त्यागराज नगर, मोहम्मदपुर और कस्तूरबा नगर शामिल है। इस मामले में दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पर्यावरण सचिव को खत लिखा है। जिसमें प्रोजेक्ट रिपोर्ट दोबारा देने और पेड़ काटे जाने की बजाए आवास योजना को दूसरे इलाकों में शिफ्ट करने की बात कही थी। आम आदमी पार्टी ने भी केन्द्र सरकार के इस प्रोजेक्ट का विरोध शुरू कर दिया है। पार्टी इसके लिए न केवल लोगों को एकजुट कर रही है, बल्कि सोशल मीडिया और ग्राउंड लेवल पर भी कैंपेन चला रही है।

 

 

 

आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस प्रॉजेक्ट के संदर्भ में केंद्र सरकार के साथ-साथ उपराज्यपाल अनिल बैजल को भी कटघरे में खड़ा किया है। भारद्वाज ने कहा कि बार-बार यह अफवाह उड़ाई जा रही है कि दिल्ली सरकार ने नौरोजी नगर, नेताजी नगर, सरोजिनी नगर और आस-पास के इलाकों में 16 हजार पेड़ों को काटने की परमिशन दी है। जबकि नियमों के अनुसार जहां एक हेक्टेयर से ज्यादा बड़ी जमीन पर पेड़ काटने हों, उसके लिए दिल्ली सरकार नहीं, बल्कि सीधे उपराज्यपाल से परमिशन लेनी पड़ती है। फाइल नोटिंग से भी यह पता चला है कि इस प्रॉजेक्ट के लिए अप्रूवल एलजी ने दी थी। 

 

 

 

इस आवास योजना का पुरजोर विरोध शुरू हो चुका है। सरोजिनी नगर इलाके में करीब पंद्रह सौ प्रदर्शनकारियों ने पेड़ों को गले लगाकर "चिपको आंदोलन " की शुरूआत कर दी है। इसके साथ सोशल मीडिया के जरिए लोगों से पर्यावरण को बचाने की अपील की जा रही है। 

 

 

 

 

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